Karnataka High Court: कर्नाटक हाई कोर्ट ने साफ कर दिया है कि सहमति से बनाए गए संबंध मारपीट को सही नहीं ठहराते। यह फैसला एक सर्कल पुलिस इंस्पेक्टर से जुड़े मामले में आया है। इंस्पेक्टर पर एक सामाजिक कार्यकर्ता ने गंभीर आरोप लगाए थे। महिला ने महिला पुलिस स्टेशन में शारीरिक और यौन उत्पीड़न की रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसमें आरोप लगाया गया कि इंस्पेक्टर ने उसके साथ मारपीट, धमकी और रेप किया है।
कोर्ट ने सुनवाई में क्या कहा?
इंस्पेक्टर ने महिला के सभी आरोपों से इनकार करते हुए तर्क दिया कि उनका रिश्ता हमेशा सहमति से था। जस्टिस एम नागप्रसन्ना ने रिश्ते के सहमति वाले पहलू को सुना। जिसके बाद फैसले में कहा गया कि सहमति से बनाए गए संबंध मारपीट के लिए लाइसेंस नहीं देते हैं। इसी के साथ धारा 376(2)(एन) के तहत रेप के आरोप को खारिज कर दिया गया। हालांकि, कोर्ट ने मारपीट, धमकी और हत्या के प्रयास से जुड़े आरोपों को बरकरार रखा। कोर्ट ने इन गंभीर आरोपों पर मुकदमा चलाने की अनुमति दी है।
ये भी पढ़ें: लिव इन रिलेशन पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, युवाओं में इस रिश्ते के तय होने चाहिए नियम
क्या है पूरा मामला?
शिकायतकर्ता महिला और इंस्पेक्टर के बीच 2017 में संबंध शुरू हुआ। मई 2021 में महिला ने महिला पुलिस स्टेशन में पहुंची, जहां पर उसने इंस्पेक्टर के खिलाफ मारपीट, धमकी और रेप की शिकायत दर्ज कराई गई। नवंबर 2021 में इंस्पेक्टर ने कथित तौर पर शिकायतकर्ता का अपहरण कर एक होटल में ले गया। उसके साथ मारपीट की और फिर अगली सुबह महिला को बस स्टॉप पर छोड़ दिया।
बच्चों को धमकाया
इस घटना के बाद महिला ने रेप, अपहरण और हत्या के प्रयास समेत कई अपराधों के लिए उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के बाद इंस्पेक्टर ने कथित तौर पर महिला के बच्चों को धमकाया। जिसमें कहा गया कि अगर उसने अपनी शिकायत वापस नहीं ली तो उसे मार देगा। इसके बाद भारतीय दंड संहिता की धारा 504 और 506 के तहत उकसावे और आपराधिक धमकी के लिए भी आरोप लगाए गए।
ये भी पढ़ें: तहव्वूर राणा को क्यों कहते हैं ‘डाक्टर डैथ’? 26/11 हमले में में निभाया ये रोल; अब लाया जाएगा भारत