Karnataka Elections 2023: कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। शिवकुमार ने शुक्रवार को न्यूज एजेंसी ANI से कहा कि किसी के साथ कोई गठबंधन नहीं है। हम अकेले चुनाव लड़ने जा रहे हैं। हमें भरोसा है कि हम अकेले सत्ता में आएंगे।
बता दें कि डीके शिवकुमार चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची तय करने के लिए कांग्रेस पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली में थे। सूत्रों के मुताबिक, पहली सूची 20 मार्च तक जारी होने की संभावना है। कहा जा रहा है कि 20 मार्च को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की बेलगाम यात्रा से पहले लगभग 120-130 सीटों की घोषणा की जा सकती है।
कर्नाटक चुनाव अकेले लड़ेगी कांग्रेस, 110 सीटों पर उम्मीदवार तय
◆ पार्टी की पहली लिस्ट 20 मार्च को आएगी #Congress | #KarnatakaElections2023 pic.twitter.com/bluWUIAQBO
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मल्लिकार्जुन खड़गे ने की CEC की बैठक की अध्यक्षता
सीईसी की बैठक की अध्यक्षता पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने की। बैठक में राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, सिद्धारमैया, मुकुल वासनिक और रणदीप सिंह सुरजेवाला समेत पार्टी नेताओं और पैनल के अन्य सदस्यों ने हिस्सा लिया। बता दें कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव इस साल मई में होने की संभावना है।
कहा जा रहा है कि चार विधायकों (पावगड़ा, सिद्धलघट्टा, गुंडीगल और अफजलपुर) को छोड़कर सभी मौजूदा विधायकों को टिकट मिलना तय माना जा रहा है। सीईसी की दूसरी बैठक 22 मार्च के बाद होगी। बैठक के दौरान भाजपा मंत्री वी सोमन्ना का मुद्दा भी उठा। उन्होंने कथित तौर पर दो सीटों-हुन्नूर और गोविंदराजनगर की मांग की थी। मामला लंबित रखा गया है।
केपीसीसी के कार्यकारी अध्यक्ष को भी टिकट मिलना तय
जानकारी के मुताबिक, मृतक केपीसीसी के कार्यकारी अध्यक्ष ध्रुवनारायण के बेटे को भी टिकट मिलेगा। निर्दलीय नागेश और शरथ बचेगौड़ा को टिकट मिलने की संभावना है। दलबदलू भाजपा एमएलसी पुत्तना को भी राजाजीनगर से टिकट मिलने की संभावना है।
सूत्रों ने कहा कि कुछ मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं मिल सकता है। कांग्रेस के पास वर्तमान में 224 सदस्यीय सदन में 68 विधायक हैं और राज्य स्क्रीनिंग कमेटी ने पहले ही अधिकांश निर्वाचन क्षेत्रों के नामों की एक सूची तैयार कर ली है।
राज्य के नेताओं ने आग्रह किया है कि पार्टी को अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की उप-जातियों को भी उचित प्रतिनिधित्व देना चाहिए।