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Karnataka CM Tussle: कर्नाटक में ‘सिद्धारमैया या डीके शिवकुमार’ मुद्दे के बीच CM पद की नई दावेदारी; जानें क्या चाहते हैं लिंगायत?

Karnataka CM Tussle: कर्नाटक में ‘डीके शिवकुमार या सिद्धारमैया’ का मुद्दा अभी सुलझा नहीं है। इसी बीच सीएम पद के लिए एक तीसरा दावा भी पेश हो गया है। मुख्यमंत्री पद के लिए विभिन्न जाति समूहों के अपने-अपने दावे सामने आ रहे हैं। राज्य में लिंगायत समुदाय का प्रभावशाली प्रतिनिधित्व करने वाली अखिल भारतीय वीरशैव […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: May 16, 2023 17:40
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Karnataka CM Tussle: कर्नाटक में ‘डीके शिवकुमार या सिद्धारमैया’ का मुद्दा अभी सुलझा नहीं है। इसी बीच सीएम पद के लिए एक तीसरा दावा भी पेश हो गया है। मुख्यमंत्री पद के लिए विभिन्न जाति समूहों के अपने-अपने दावे सामने आ रहे हैं।

राज्य में लिंगायत समुदाय का प्रभावशाली प्रतिनिधित्व करने वाली अखिल भारतीय वीरशैव महासभा ने राज्य के मुखिया यानी सीएम पद के लिए अपना दावा पेश किया है। इसमें कहा गया है कि नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायकों में से 34 लिंगायत हैं। लिंगायत वोटों को अपने पक्ष में लाना कांग्रेस की जीत का एक मुख्य कारण है। कहा गया है कि ये कभी भाजपा का प्रमुख जनाधार हुआ करते थे।

एक संगठन ने दलित सीएम की भी मांग की

इसके अलावा एक और दावा दलित समुदाय की ओर से सामने आया है। दिग्गज कांग्रेस नेता जी परमेश्वर के समर्थकों ने दलित नेता को मुख्यमंत्री पद के लिए चुने जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। तुमकुर में सभा के दौरान ‘एक दलित को मुख्यमंत्री होना चाहिए’ लाइन लिखी तख्तियां भी लहराई गईं।

पत्र में लिखा, 34 विधायक हैं लिंगायत 

उधर, अखिल भारतीय वीरशैव महासभा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में लिखा है कि कांग्रेस ने इस समुदाय से 46 उम्मीदवार विधानसभा चुनाव में उतारे थे, जिनमें से 34 जीते हैं। इसके अलावा संगठन सदस्यों में भी प्रमुख लिंगायत नेता हैं। इस महासभा के अध्यक्ष कर्नाटक के सबसे पुराने विधायक 91 वर्षीय शमनुरु शिवशंकरप्पा हैं, जो इस बार दावणगेरे दक्षिण से जीते हैं।

लिंगायतों की 17% आबादी

पत्र में लिखा है कि हम आपके ध्यान में लाना चाहते हैं कि हमारे समुदाय ने अन्य 50 निर्वाचन क्षेत्रों में भी छोटे समुदायों को कांग्रेस के साथ लाने में प्रमुख भूमिका निभाई है। यह दर्शाता है कि भाजपा के पारंपरिक वोटों ने कांग्रेस पार्टी के प्रति अपनी वफादारी बदली है। लिखा है कि लिंगायतों की कर्नाटक में 17 फीसदी आबादी है।

आगामी लोकसभा चुनावों की भी याद दिलाई

संगठन ने कांग्रेस अध्यक्ष को सुझाव दिया है कि यह महत्वपूर्ण है, कांग्रेस अगले साल होने वाले आम चुनाव के लिए समुदाय के समर्थन को बरकरार रखे। पत्र में कहा गया है कि इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, अब हम कांग्रेस पार्टी से कर्नाटक राज्य के मुख्यमंत्री के पद के लिए वीरशैव लिंगायत समुदाय के नेता को मौका देने या विचार करने का आग्रह करते हैं।

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First published on: May 16, 2023 05:40 PM

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