Kargil Vijay Diwas: आज कारगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ है और इस मौके पर कैप्टन विक्रम बत्रा को कैसे भूल सकते हैं, जो कारगिल युद्ध में 7 जुलाई 1999 को बलिदान हुए थे। जिन्होंने अपनी जान देकर दुश्मन के कब्जे से टाइगर हिल पॉइंट 4875 को छुड़ाया था और चोटी पर तिरंगा लहराया था। कैप्टन विक्रम बत्रा की शहादत की कहानी, उनकी प्रेम कहानी बॉलीवुड मूवी शेरशाह (2021) में दर्शाई गई है, जिसमें सिद्धार्थ मल्होत्रा ने कैप्टन की भूमिका निभाई थी।
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कहां हैं डिंपल चीमा?
डिंपल चीमा कैप्टन विक्रम बत्रा की मंगेतर थीं। डिंपल वर्तमान में चंडीगढ़ में रहती हैं और एक स्कूल में टीचर हैं। कैप्टन विक्रम बत्रा की शहादत के बाद डिंपल ने शादी नहीं की, बल्कि उनकी यादों के साथ जीवन जीने का फैसला किया। डिंपल ने अपना जीवन समाज सेवा और शिक्षण कार्य को समर्पित किया है। डिपंल को निजी जीवन जीना पसंद है। वह सार्वजनिक रूप से बहुत कम नजर आती हैं। डिंपल ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वह विक्रम को अपनी आत्मा का हिस्सा मानती हैं और उनकी यादों के साथ जीना चाहती हैं और उनकी यादों के साथ ही जी रही हैं।
कहां है कैप्टन का परिवार?
कैप्टन विक्रम बत्रा का परिवार हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के पालमपुर शहर में रहता है। कैप्टन के पिता अब उनके पिता जीएल बत्रा, जुड़वा भाई विशाल बत्रा और 2 बहनें सीमा-नूतन रह गई हैं। कैप्टन की मां कमलकांता बत्रा का निधन फरवरी 2024 में दिल का दौरा पड़ने से हुआ था। उनका परिवार भी निजी जीवन जीना पसंद करता है।
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कौन हैं कैप्टन विक्रम बत्रा?
कैप्टन विक्रम बत्रा भारतीय सेना की 13 जम्मू और कश्मीर राइफल्स के अधिकारी थे, जिन्होंने ऑपरेशन विजय के दौरान पॉइंट 5140 और पॉइंट 4875 को दुश्मनों के कब्जे से छुड़ाकर तिंरगा लहराया था। वे 7 जुलाई 1999 को पॉइंट 4875 पर दुश्मनों के साथ लड़ते हुए शहीद हुए थे। उनकी बहादुरी के लिए भारत सरकार ने उन्हें देश के सर्वोच्च सैन्य सम्मान मरणोपरांत परम वीर चक्र से सम्मानित किया था। उन्होंने जिस पॉइंट 4875 पर तिरंगा लहराया था, उसे बत्रा टॉप कहा जाता है। उनके नाम पर देशभर में कई सड़कें, स्कूल और सैन्य चौकियां खुली हैं। कारगिल युद्ध में उन्होंने ‘ये दिल मांगे मोर’ नारा दिया था।
कैप्टन विक्रम बत्रा की प्रेम कहानी
कैप्टन विक्रम बत्रा और डिंपल चीमा की प्रेम कहानी ने केवल प्रेम, समर्पण, बलिदान और देशभक्ति की प्रतीक है। विक्रम बत्रा और डिंपल चीमा की मुलाकात 1995 में पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ में हुई थी। दोनों वहां MA इंगलिश कर रहे थे। डिंपल ने खुद एक इंटरव्यू में बताया था कि उनकी और विक्रम की पहले दोस्ती हुई थी, जो आगे चलकर प्यार में बदल गई थी। 1996 में जब विक्रम MA कोर्स छोड़कर भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) में चले गए थे, तब भी वे लेटर और फोन कॉल्स के जरिए संपर्क में रहते थे।
विक्रम ने डिंपल से शादी का वादा किया था और कहा था कि वह सेना में अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद उनके साथ जिंदगी बिताएंगे। विक्रम ने डिंपल को अपने खून से भरी एक चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने अपने प्यार का इजहार किया। कारगिल युद्ध (1999) के दौरान विक्रम ने डिंपल से कहा था कि वह युद्ध से वापस लौटकर उनसे शादी करेंगे, लेकिन विक्रम की शहादत ने डिंपल के साथ उनके शादी के सपने को अधूरा छोड़ दिया। साथ ही दोनों की प्रेम कहानी भी अधूरी रह गई।