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Kailash Mansarovar Yatra 2025: कम्प्यूटराइज्ड ड्रॉ से हुआ कैलाश मानसरोवर यात्रियों का चयन

Kailash Mansarovar Yatra 2025: पांच साल बाद एकबार फिर शुरू होने वाली है कैलाश मानसरोवर यात्रा। आज मंत्रालय ने यात्रियों का चयन किया। पंजीकृत यात्रियों में से कम्प्यूटरीकृत ड्रॉ की मदद से 750 श्रद्धालु चुने गए हैं।

Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: May 21, 2025 14:45

Kailash Mansarovar Yatra 2025: पूरे 5 साल बाद कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए भारत से रवाना होंगे श्रद्धालु। विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित कैलाश मानसरोवर यात्रा जून 2025 से शुरू होगी और अगस्त 2025 तक चलेगी। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने आज इस यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करने वाले यात्रियों में से जत्थे में जाने वाले श्रद्धालुओं का चयन किया है। इस बार यात्रियों के चुनाव के लिए मंत्रालय ने निष्पक्षता दिखाते हुए कंप्यूटराइज्ड ड्रॉ का आयोजन किया था।

बता दें कि मानसरोवर यात्रा कोरोना के चलते और भारत-चीन तनाव के कारण साल 2020 से बंद कर दी गई थी।

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हिंदुओं का पवित्र स्थल

कैलाश मानसरोवर हिंदुओं की आस्था के प्रमुख स्थलों में से एक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह स्थान भगवान शिव का प्रतीक है। हर साल हजारों लोग मानसरोवर यात्रा के लिए आवेदन करते हैं लेकिन कुछ लोगों को ही यात्रा के लिए चुना जाता है। यात्रा के लिए समिति लॉटरी के माध्यम से चयन करती है। इस साल चयन करने के लिए डिजिटल प्रोसेस अपनाया जा रहा है। डिजिटल ड्रॉ के माध्यम से चयन करने में ज्यादा पारदर्शिता मिलेगी।

यात्रा से जुड़ी जरूरी बातें

विदेश मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, यात्रियों को इन बातों का ख्याल रखना है।

  • चुने गए यात्रियों को SMS और ईमेल के माध्यम से उनके चयन होने की सूचना दी जाएगी। यात्री अपने चयन की स्थिति की जांच करने के लिए यात्रा वेबसाइट (https://kmy.gov.in) या हेल्पलाइन नंबर: 011-23088133 पर भी संपर्क कर सकते हैं।
  • इस साल 5561 आवेदकों ने सफलतापूर्वक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया था, जिनमें से कुल 750 यात्रियों का चयन होगा। प्रत्येक बैच में 2 एलओ शामिल हैं।
  • 2025 की कैलाश मानसरोवर यात्रा दो मार्गों- लिपुलेख और नाथू ला के माध्यम से आयोजित की जाएगी। कुल 50 तीर्थयात्री 5 जत्थों में लिपुलेख के रास्ते यात्रा करेंगे, जबकि अन्य 50 तीर्थयात्री 10 जत्थों में नाथू ला के माध्यम से यात्रा करेंगे।
  • दोनों मार्ग अब पूरी तरह से मोटर योग्य हैं, जिससे ट्रैकिंग की आवश्यकता काफी कम हो गई है। मार्गों और जत्थों के कार्यक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी आधिकारिक यात्रा वेबसाइट पर उपलब्ध है।
  • केंद्रीय विद्यालय संगठन राज्य मंत्री ने सभी यात्रियों से आग्रह किया कि है वे जिम्मेदारी, विनम्रता और सावधानी के साथ तीर्थयात्रा करें, साथ ही एक-दूसरे का ख्याल रखें और पर्यावरण की पवित्रता की रक्षा करें।

इतना शुल्क लिया गया

बता दें कि साल 2019 में कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए शुल्क 35 हजार रुपये था, जो अब पांच साल बाद यह शुल्क 56 हजार तय किया गया है।

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First published on: May 21, 2025 02:07 PM

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