Justice Yashwant Verma: जस्टिस यशवंत वर्मा पर महाभियोग को लेकर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने आज 3 सदस्य समिति का गठन किया है, जो इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ ‘कैश-एट-होम’ मामले में लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रही है। यह समिति जजेज इंक्वायरी एक्ट 1968 के तहत गठित की गई है और यही तय करेगी कि जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव आगे बढ़ाया जाए या नहीं।
कमेटी में सुप्रीम कोर्ट के जज अरविंद कुमार, मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस मनींद्र मोहन श्रीवास्तव और कनार्टक के वकील बीवी आचार्य को शामिल किया है। वहीं मामले में न्यूज24 से बात करते हुए कानूनविद और राज्यसभा MP मनन मिश्रा ने कहा कि महाभियोग पर सत्ता पक्ष और विपक्ष एकमत हैं तो जस्टिस वर्मा पर महाभियोग पारित हो ही जाएगा, लेकिन जस्टिस वर्मा के पास इस्तीफा देकर अपने आप को बचाने का एक मौका जरूर है।
#WATCH | Lok Sabha Speaker Om Birla announces a 3-member panel to probe allegations against High Court judge Justice Yashwant Varma.
— ANI (@ANI) August 12, 2025
He says, "The members of the Committee include Justice Arvind Kumar, Supreme Court Judge, Justice Maninder Mohan Srivastava, Chief Justice… pic.twitter.com/hKTt4PiZFt
आइए जानते हैं कि कमेटी में शामिल किए गए तीनों सदस्य कौन हैं?
कौन हैं जस्टिस अरविंद कुमार?
जस्टिस अरविंद कुमार सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस हैं। उनकी नियुक्ति के साथ ही सुप्रीम कोर्ट के 34 न्यायाधीशों की संख्या पूरी हुई थी। जस्टिस अरविंद 1987 से वकालत कर रहे हैं और सिविल, क्रिमिनल, संवैधानिक, कराधान से संबंधित मामलों के एक्सपर्ट हैं। उन्होंने आयकर विभाग और कई निगमों के लिए स्थायी अधिवक्ता और विधिक सलाहकार के रूप में कार्य किया है। 3 साल की प्रैक्टिस के बाद 1990 से उन्होंने कर्नाटक हाई कोर्ट से वकालत शुरू की।
1999 में वे कर्नाटक हाई कोर्ट में सरकारी वकील नियुक्त हुए। 2002 में उन्हें भारत सरकार द्वारा क्षेत्रीय प्रत्यक्ष कर सलाहकार समिति का सदस्य नियुक्त किया गया। साल 2005 में भारत सरकार का असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया था। 26 जून 2009 में वे कर्नाटक हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त हुए। 7 दिसंबर 2012 को कर्नाटक हाई कोर्ट के स्थायी न्यायाधीश बने। 13 अक्टूबर 2021 को गुजरात हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए। 13 फरवरी 2023 को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।
यह भी पढ़ें: क्या है महाभियोग प्रस्ताव, कैसे लाया जाता है? इससे जज को हटाने की प्रक्रिया क्या
कौन हैं मनींद्र मोहन श्रीवास्तव?
जस्टिस मनींद्र मोहन श्रीवास्तव वर्तमान में मद्रास हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हैं। 21 जुलाई 2025 को उन्होंने बतौर मद्रास हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शपथ ग्रहण की थी। 1987 में वकालत शुरू करने वाले मनींद्र ने अपने चाचा के साथ रायगढ़ जिला अदालत में प्रैक्टिस शुरू की थी। कुछ साल बाद वे मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जबलपुर बेंच में प्रैक्टिस करने लगे। साल 2000 में छत्तीसगढ़ के गठन के बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की, जहां वे इनकम टैक्स, संवैधानिक कानून, श्रम और सेवा मामलों के एक्सपर्ट रहे।
साल 2005 में वे सीनियर एडवोकेट बने। दिसंबर 2009 में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के जज बने और साल 2021 तक वहां सेवाएं दी। अक्टूबर 2021 में राजस्थान हाई कोर्ट के जज नियुक्त हुए। अगस्त 2022 में एक्टिंग चीफ जस्टिस बने। 6 फरवरी 2024 को उन्हें राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। इसके बाद अब 21 जुलाई 2025 को वे मद्रास हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने हैं।
यह भी पढ़ें: कैश कांड में ट्रांसफर जज यशवंत वर्मा कौन? सुप्रीम कोर्ट ने जिन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट लौटाया
कौन हैं बीवी आचार्य?
बीवी आचार्य मशहूर वकील और लॉ एक्सपर्ट हैं, जो कर्नाटक हाई कोर्ट में नियुक्त हैं। 88 वर्ष के आचार्य बतौर बार काउंसिल मेंबर 65 साल से ज्यादा का अनुभव रखते हैं, जिसमें 30 से ज्यादा बतौर वरिष्ठ अधिवक्ता कार्य करने का अनुभव शामिल है। वकील आचार्य ने 29 अगस्त 1957 को मैसूर हाई कोर्ट में बतौर वकील रजिस्ट्रेश कराया था और मंगलुरु में वकालत शुरू की थी। साल 1972 में वे कर्नाटक हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे। 1979 से 1982 तक वे कर्नाटक राज्य बार काउंसिल के अध्यक्ष रहे। मई 1989 में कर्नाटक हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील बने।
दिसंबर 1989 से 2012 तक वे 5 बार कर्नाटक के एडवोकेट जनरल रहे। साल 2005 में तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता और अन्य के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में उन्हें विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया गया था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले की पैरवी की। साल 2010 से 2012 तक वे भारत के 19वें विधि आयोग के सदस्य रहे। साल 2019 से वे इंटरनेशनल कमीशन ऑफ ज्यूरिस्ट्स के कर्नाटक सेक्शन बेंगलुरु के अध्यक्ष हैं।