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JP Nadda ने कभी नहीं लड़ा लोकसभा चुनाव, फिर भी क्यों हैं मोदी-शाह के फेवरेट?

JP Nadda BJP President: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे जेपी नड्डा के इस्तीफे और मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने की खबरें जोरों पर हैं। हालांकि आज हम आपको जेपी नड्डा के राजनीतिक करियर से रूबरू करवाते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि जेपी नड्डा ने कभी कोई लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा। वहीं उन्हें मोदी-शाह का सबसे करीबी माना जाता है।

Edited By : Sakshi Pandey | Updated: Jun 9, 2024 16:45
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JP Nadda
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JP Nadda BJP President: सियासत में लंबा सफर तय करने के लिए आमतौर पर नेताओं को चुनावी मैदान में उतरना पड़ता है। खासकर लोकसभा चुनाव को कई नेताओं के राजनीतिक करियर का टर्निंग पॉइंट माना जाता है। मगर आज हम आपको एक ऐसे नेता के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने ना कभी लोकसभा चुनाव जीता और ना ही कभी जनादेश से सांसद बने। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने शून्य से शिखर तक का सफर तय किया और साढ़े चार साल तक देश की सबसे बड़ी पार्टी का दारोमदार संभाला।

मोदी मंत्रिमंडल में हो सकते हैं शामिल

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हम बात कर रहे हैं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा उर्फ जेपी नड्डा की। जेपी नड्डा का कार्यकाल इसी महीने में खत्म हो रहा है। खबरों की मानें तो जेपी नड्डा जल्द ही अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। वहीं सत्ता के गलियारों में चर्चा तेज हो गई है कि बीजेपी जेपी नड्डा को मोदी मंत्रिमंडल में शामिल करने की योजना बना रही है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि कभी लोकसभा चुनाव ना लड़ने वाले जेपी नड्डा आखिर बीजेपी के इतने खास क्यों हैं?

बिहार में हुआ जन्म

बता दें कि जेपी नड्डा 15 साल की उम्र से राजनीति का हिस्सा हैं। उनका जन्म 2 दिसंबर 1960 को बिहार की राजधानी पटना में हुआ था। 1975 में उन्होंने संपूर्ण क्रांति आंदोलन में भाग लिया और हमेशा के लिए सियासत के होकर रह गए। पटना विश्वविद्यालय में स्नातक के दौरान वो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) में शामिल हुए और 1977 में चुनाव भी लड़ा।

हिमाचल प्रदेश की राजनीति में छाए

जेपी नड्डा को पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ का सचिव बनाया गया। हालांकि पटना में पढ़ाई पूरी करने के बाद जेपी नड्डा ने वकालत करने का मन बनाया और हिमाचल विश्वविद्यालय में दाखिला ले लिया। यहीं से जेपी नड्डा हिमाचल की राजनीति में एक्टिव हो गए। जेपी नड्डा की पत्नी मलिका नड्डा हिमाचल विश्वविद्यालय में इतिहास की प्रोफेसर थीं और 1988-1999 तक एबीवीपी की राष्ट्रीय सचिव भी रह चुकी थीं।

तीन बार बनें विधायक

पढ़ाई के साथ-साथ जेपी नड्डा का राजनीतिक करियर भी परवान चढ़ने लगा था। 29 साल की उम्र में उन्हें बीजेपी की युवा शाखा का चुनाव प्रभारी बनाया गया। वहीं 31 साल की उम्र में वो भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए। इसी के बाद जेपी नड्डा ने चुनाव लड़ने का फैसला किया और लगातार तीन बार हिमाचल प्रदेश के विधायक बने।

राज्यसभा से पहुंचे संसद

1993 से 2012 के बीच में जेपी नड्डा तीन बार बतौर विधायक हिमाचल प्रदेश की विधानसभा पहुंचे। इस दौरान उन्हें हिमाचल सरकार में मंत्री भी नियुक्त किया गया। कई मंत्रालयों के पद संभालते हुए जेपी नड्डा हिमाचल में बीजेपी का चर्चित चेहरा बन गए। बीजेपी ने उन्हें हिमाचल से राज्यसभा मेंबर बना दिया। वहीं मोदी सरकार में जेपी नड्डा को स्वास्थय मंत्रालय का भी जिम्मा सौंपा गया था।

बीजेपी अध्यक्ष बने नड्डा

2019 में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आगाज हुआ। इस दौरान बीजेपी अध्यक्ष रहे अमित शाह को गृह मंत्री नियुक्त किया गया। ऐसे में बीजेपी के अध्यक्ष पद की तलाश जेपी नड्डा पर जाकर खत्म हुई और जून 2020 में उन्हें पार्टी का अध्यक्ष बना दिया गया। 4 मार्च 2024 को जेपी नड्डा ने राज्यसभा सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया और गुजरात से राज्यसभा सांसद बनकर संसद पहुंचे।

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Edited By

Sakshi Pandey

First published on: Jun 09, 2024 04:45 PM

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