Joshimath Sinking: उत्तराखंड के पवित्र शहर जोशीमठ में हाहाकार मचा हुआ है। इस शहर के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। जोशीमठ जगह-जगह भू-धंसाव हो रहे हैं। मकानों में दरारें आ रही है। सड़कें फट गए हैं और इनसे पानी निकल रहा है। यहां 561 घरों में दरारें आ गई हैं। खतरे को देखते हुए अब तक 66 परिवार पलायन कर चुके हैं। कहा जा रहा है कि उत्तराखंड के चमौली जिले में जमीन और पहाड़ धंस रहे हैं। जोशीमठ में भी इसका असर दिख रहा है।
जोशीमठ में धंसते पहाड़
जोशीमठ को लोग डरे हुए हैं। हजारों लोग सड़क पर उतरे और मशाल के साथ विरोध प्रदर्शन किया। स्थानीय निवासियों को कहना है कि सरकार की नाकामी है। प्रसाशन भी कुछ नहीं कर रही। मामले पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वो एक टीम के साथ खुद वहां जाकर जायजा लेंगे। जमीन धंसने के बाद जोशीमठ में एशिया की सबसे लंबी रोपवे बंद करने का फैसला लिया गया है। जो रिपोर्ट आ रही हैं वो अच्छे नहीं है। जमीन से जो पानी वहां निकल रहा है वो किसी के सीवर लाइन के पानी लीकेज नहीं है। ये जमीन के अंदर से निकलने वाला पानी ही है।
और पढ़िए –मध्यप्रदेश: रीवा में ट्रेनी विमान क्रैश, मंदिर के गुंबद से टकराया, पायलट की मौत
#WATCH | Land subsidence and cracks in many houses continue in Uttarakhand's Joshimath. Cracks have appeared on 561 houses in Joshimath, and water seepage continues from underground in JP Colony, Marwadi. pic.twitter.com/vo7IxIh1Xl
---विज्ञापन---— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 5, 2023
पीएमओ बनाए हुए है नजर
जोशीमठ भू-धंसाव मामले की निगरानी पीएमओ से भी की जा रही है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट दीपक सैनी ने बताया कि पीएमओ की ओर से लगातार मामले में अपडेट लिया जा रहा है। इसके पहले भूवैज्ञानिक, इंजीनियर और अफसरों की 5 सदस्यीय टीम ने पहले दरारों की जांच कर चुकी है। सूत्रों की मानें तो इस पैनल ने पाया कि जोशीमठ के कई हिस्से मानव निर्मित और प्राकृतिक कारणों से डूब रहे हैं।
Uttarakhand | A large number of people took out a torchlight protest in Joshimath yesterday as several houses developed deep cracks, leaving them in a panicked state. pic.twitter.com/AKlMkIEAli
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 5, 2023
और पढ़िए – दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 5.9 रही तीव्रता
भूवैज्ञानिक और पहाड़ों को जानने वाले के अनुसार जोशीमठ में भू-धंसाव के कई कारण हैं। जिस तरह से नदी को धारा को रोककर डैम बनाए जा रहे हैं। ये घातक है। धड़ल्ले से निर्माण, पानी का रिसाव, ऊपरी मिट्टी का कटाव और मानव जनित कारणों से जल धाराओं के प्रवाह में रुकावट पैदा हुए हैं।
सिस्मिक जोन 5 में आता है जोशीमठ
शहर भूगर्भीय रूप से संवेदनशील है, जो पूर्व-पश्चिम में चलने वाली रिज पर स्थित है। शहर के ठीक नीचे विष्णुप्रयाग के दक्षिण-पश्चिम में, धौलीगंगा और अलकनंदा नदियों का संगम है। नदी से होने वाला कटाव भी इस भू-धंसाव के लिए जिम्मेदार है। जोशीमठ समुद्र तल से करीब छह हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है और सिस्मिक जोन 5 में आता है। यानी ये प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से काफी संवेदनशील है।
और पढ़िए – देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें
Edited By