Joshimath Sinking: उत्तराखंड के हालात दिन पर दिन बिगड़ते जा रहे हैं। लगभग 600 घकों में पड़ी दरारों के बाद उन्हें खाली करा लिया गया है। इस बीच जोशीमठ में भू-धंसाव के चलते जोशीमठ-औली को जोड़ने वाली रोप वे के प्लैटफ़ॉर्म में दरार आ गई है। रोपवे मैनेजर दिनेश भट्ट ने बताया कि यह दरारें कल से आई हैं और इससे खतरा बना हुआ है। हमने एहतियात के तौर पर रोपवे बंद किया है।
उन्होंने कहा कि मैंने रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी है। जोशीमठ की स्थिति के कारण रोपवे को 5 जनवरी से बंद कर दिया गया है।
वैज्ञानिकों ने किया दौरा
आज जोशीमठ भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्र का पर्यावरण एवं जलवायु वैज्ञानिकों की टीम ने निरीक्षण किया। डॉ. जेसी कुनियाल, वैज्ञानिक ने कहा कि हम पर्यावरण और पारिस्थितिक आकलन करेंगे और यहां पानी की गुणवत्ता का भी आकलन करेंगे। हमारी 4-5 टीमें अलग-अलग क्षेत्रों में इस पर काम कर रही हैं। जिन घरों में दरारें आई हैं, उनकी स्थिति अच्छी नहीं है।
डॉ. जेसी कुनियाल ने कहा कि सरकार ने पहले ही उन लोगों का पुनर्वास कर दिया है। हम देख रहे हैं कि क्या भूमि के और धंसने की संभावना है या क्या भूमि को उसकी मूल स्थिति में बहाल किया जा सकता है। यह हमारे लिए चुनौती की बात है। जोशीमठ के 9 वार्डों में 4000 भवनों का आकलन किया जा रहा है।
जारी से पहाडों की कटाई
जोशीमठ में अभी भी निर्माण कार्य जारी है। इतनी बढ़ा त्रासदी के बाद भी सरकार गंभीर नहीं दिख रही। जोशीमठ से कुछ दूरी पर पहाड़ की कटाई लगातार जारी है। मशीनों से पहड़ों को छलनी किया जा रहा है। बता दें कि जमीन दरकने की घटनाएं बढ़ने के बाद एक तरफ जहां यह दावा किया जा रहा है कि सभी निर्माण कार्य रोक दिए गए हैं।