नई दिल्ली: कांग्रेस नेता शशि थरूर ने एस जयशंकर को अपना मित्र और योग्य, सक्षम विदेश मंत्री बताया है। इस अचानक तारीफ के पीछे दो महीने की पुरानी घटना है। शशि थरूर ने लंदन में खालिस्तानियों द्वारा भारतीय ध्वज को उतारे जाने की घटना पर कूल (शांत) रहने ही सलाह दी थी। अब सफाई पेश करते हुए उन्होंने कहा कि शांत रहने की सलाह उस घटना के लिए नहीं दी थी। जयशंकर से मेरा कोई मतभेद नहीं है।
ट्वीट कर पेश की सफाई
शशि थरूर ने शुक्रवार को ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि मेरे बयानों को गलत समझा गया। दोस्तों ने मुझे ट्रोल करते हुए मैसेज किया। जिसमें दावा किया गया कि विदेश मंत्री जयशंकर को खालिस्तानियों द्वारा भारतीय दूतावास के बाहर हमारा झंडा उतारने की घटना पर उन्होंने शांत रहने की सलाह दी थी। जबकि ऐसा कुछ नहीं है।
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जब वह घटना घटी तो मैंने विदेश मंत्रालय से पहले ही नाराजगी जताई थी। इस घटना पर गुस्सा होना सबसे सही प्रतिक्रिया थी। हम बिना उकसावे के किसी की आंख में धूल नहीं झोंकते हैं। झंडा फहराने की घटना एक उकसावे की घटना थी और भारत की प्रतिक्रिया उचित थी।
Friends have forwarded me a message doing the rounds from the usual trolls claiming that my advice to EAM @DrSJaishankar to “cool it” was over his reaction to the incident of the Khalistanis pulling our flag down outside the Indian Embassy.
It wasn’t.
When that incident…
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) July 1, 2023
क्या कहा था विदेश मंत्री ने?
दो अप्रैल को विदेश मंत्री एस जयशंकर बेंगलुरु के एक कार्यक्रम में थे। यहां उन्होंने दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में टिप्पणी करने की पश्चिम की आदत की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि पश्चिम को दूसरे देशों पर टिप्पणी करने की बुरी आदत है। वे सोचते हैं कि उन्हें भगवान का दिया किसी तरह का अधिकार है। उन्हें अनुभव से ही सीखना होगा कि अगर वे ऐसा करते रहेंगे तो दूसरे लोग भी कमेंट करने लगेंगे। ऐसे होने पर उन्हें अच्छा नहीं लगेगा।
थरूर ने दी थी शांत रहने की सलाह
विदेश मंत्री के बयान पर शशि थरूर ने कहा कि उन्हें लगता है कि जयशंकर को आसानी से उकसाया जा रहा है। मैं उन्हें लंबे समय से जानता हूं और उन्हें एक दोस्त मानता हूं लेकिन इस मुद्दे पर मुझे लगता है कि हमें इतना संकोच करने की जरूरत नहीं है, मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि एक सरकार के रूप में हम कुछ कदम गंभीरता से लें।
थरूर ने विदेश मंत्री को शांत रहने की सलाह दी थी। कहा था कि हर टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देना ठीक नहीं है।
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