Indore Couple Case: मध्यप्रदेश के हाईप्रोफाइल मर्डर केस की मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी और मृतक राजा दोनों ही मांगलिक थे। इसकी पुष्टि खुद राजा के पिता ने की है। इसी कारण दोनों की शादी कराई गई थी। वहीं, राजा के पिता अशोक रघुवंशी ने सोनम पर आरोप लगाया है कि उसने उनके बेटे से शादी अपना मांगलिक दोष खत्म करने के लिए की थी, जिससे वो बाद में अपने प्रेमी राज से शादी कर सके। ऐसे में इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि एक बार शादी करने से मंगलदोष खत्म हो जाता है?
बीते दिनों मेघालय में हनीमून पर मध्यप्रदेश के राजा रघुवंशी और सोनम अचानक गायब हो गए थे। इसके कुछ दिन बाद राजा का शव मिल गया था, लेकिन सोनम गायब थी। बीते सोमवार को सोनम यूपी के गाजीपुर में मिली, इसके बाद पुलिस ने राजा की हत्या की साजिश का आरोप सोनम पर लगाया है। पुलिस की माने तो सोनम ने अपने प्रेमी राज के साथ मिलकर राजा की हत्या की साजिश रची थी। अब यह बात सामने आ रही है कि सोनम ने राजा से शादी अपना मांगलिक दोष खत्म करने के लिए की थी।
क्या कहता है ज्योतिष शास्त्र?
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, मांगलिक दोष एक ज्योतिषीय स्थिति है जो तब उत्पन्न होती है जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में मंगल ग्रह प्रथम (लग्न), चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में स्थित होता है। मंगल को ज्योतिष में एक उग्र और क्रूर ग्रह माना जाता है, जो साहस, ऊर्जा, पराक्रम और रक्त का कारक है। इसे ग्रहों का सेनापति भी कहा जाता है। जब मंगल इन विशिष्ट भावों में होता है, तो इसे मांगलिक दोष कहा जाता है और ऐसा व्यक्ति मांगलिक कहलाता है।
वैदिक ज्योतिष में प्रथम भाव स्वास्थ्य और व्यक्तित्व, चतुर्थ भाव माता और सुख, सप्तम भाव वैवाहिक जीवन, अष्टम भाव आयु और मृत्यु तथा द्वादश भाव खर्च और हानि का प्रतिनिधित्व करता है। कई ज्योतिषीयों का मानना है कि इन भावों में मंगल की उपस्थिति को वैवाहिक जीवन के लिए अशुभ माना जाता है क्योंकि यह तनाव, कलह, और असामंजस्य का कारण बन सकता है। वो भी तब जब एक व्यक्ति मांगलिक हो और दूसरा गैरमांगलिक हो। कुछ ज्योतिषी मंगल दोष को लग्न के अलावा चंद्र लग्न, सूर्य लग्न और शुक्र लग्न से भी देखते हैं, जिससे यह दोष और जटिल हो जाता है।
मांगलिक दोष का वैवाहिक जीवन पर क्या पड़ता है प्रभाव
मांगलिक दोष को लेकर सबसे बड़ी मान्यता यह है कि यह वैवाहिक जीवन में समस्याएं पैदा करता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि मांगलिक व्यक्ति का विवाह गैर-मांगलिक व्यक्ति से होता है तो वैवाहिक जीवन में अनेक परेशानियां आ सकती हैं, जैसे कि आपसी असहमति, झगड़े, तनाव, तलाक या यहां तक कि जीवनसाथी की मृत्यु तक हो सकती है। यह मान्यता विशेष रूप से सप्तम भाव (वैवाहिक जीवन) और अष्टम भाव (आयु और मृत्यु) में मंगल की उपस्थिति से जुड़ी होती है।
माना जाता है कि मंगल का प्रभाव व्यक्ति के स्वभाव को उग्र, क्रोधी और अहंकारी बना सकता है, जिसके कारण पति-पत्नी के बीच तालमेल की कमी हो सकती है। इसके अलावा मांगलिक दोष के कारण विवाह में देरी, रिश्तों में रुकावटें, और आर्थिक या स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। कुछ ज्योतिषियों का मानना है कि यह दोष 28 वर्ष की आयु के बाद कम प्रभावी हो जाता है, लेकिन कुछ मामलों में इसका प्रभाव जीवन भर रह सकता है। हालांकि यह कहना बिल्कुल गलत है कि मांगलिक व्यक्ति अगर एक बार शादी कर ले तो उसका मांगलिक दोष खत्म हो जाता है। मांगलिक व्यक्ति की शादी मंगलदोष वाले व्यक्ति से इस कारण कराई जाती है, जिससे दोनों की एनर्जी बैलेंस्ड हो जाए न कि इससे दोष खत्म हो जाता है। इस कारण शादी कर लेने से मांगलिक दोष का खत्म होना नामुमकिन है।
मध्यप्रदेश की घटना बिल्कुल अलग
हालांकि, मध्य प्रदेश की इस घटना में मांगलिक दोष को हत्या से जोड़ना एक अतिशयोक्ति हो सकती है। ज्योतिष शास्त्र में मांगलिक दोष को वैवाहिक जीवन में चुनौतियों का कारण माना जाता है, लेकिन इसे सीधे तौर पर किसी की मृत्यु का कारण मानना वैज्ञानिक दृष्टिकोण से उचित नहीं है। यह एक सामाजिक और ज्योतिषीय मान्यता है, जिसे कई लोग गंभीरता से लेते हैं, लेकिन इसका प्रभाव व्यक्ति की कुंडली के अन्य योगों और ग्रहों की स्थिति पर भी निर्भर करता है। किसी की हत्या को मांगलिक दोष का कारण नहीं माना जा सकता है।
मांगलिक दोष दूर करने के उपाय
मांगलिक दोष दूर करने का सबसे सरल उपाय यह है कि सबसे आम उपाय यह है कि मांगलिक व्यक्ति का विवाह मांगलिक व्यक्ति से ही किया जाए, ताकि दोनों की कुंडली में मंगल का प्रभाव संतुलित हो। वहीं, मांगलिक व्यक्ति को पहले किसी पेड़ (जैसे पीपल या केला) या मिट्टी के घड़े से विवाह करने की सलाह दी जाती है, जिससे मंगल दोष का प्रभाव कम हो जाता है।
हनुमान चालीसा का नियमित पाठ और हनुमान जी की पूजा मंगल दोष के प्रभाव को कम करने में सहायक मानी जाती है। उज्जैन के अंगारेश्वर महादेव मंदिर में मंगल दोष निवारण पूजा विशेष रूप से प्रभावी मानी जाती है। मसूर की दाल, लाल वस्त्र, मूंगा रत्न, या तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मंगल दोष का प्रभाव कम हो सकता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई मांगलिक दोष की जानकारी अंक शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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