International Women’s Day: राह में आएंगी परेशानियां हजार, उठ-चल, दौड़ लगा। तृप्ति सोमानी इस फलसफे में यकीन रखती हैं। तृप्ति को कैंसर ने उस समय जकड़ा जब वह सफलता की ऊंची उड़ान भर रही थीं। हालांकि, तृप्ति के जज्बे और साहस के आगे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी भी हार मान गई। पॉजिटिव माइंडसेट, हमेशा कुछ बड़ा और सार्थक करने की कोशिश के चलते तृप्ति सोमानी आज एक ऐसे मुकाम पर पहुंच गई हैं, जहां तक पहुंचना हर किसी के बस की बात नहीं।
दूसरों का भी ख्याल
कारोबारी दुनिया से लेकर परोपकार की दुनिया तक तृप्ति सोमानी एक बड़ा नाम हैं। उनके हर दिन में ‘अपनों’ के साथ-साथ ‘दूसरों’ के लिए भी जगह होती है। ये दूसरे वे महिलाएं हैं, जिनका जीवन संवारने के लिए वह जी-जान से जुटी हुई हैं। तृप्ति मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बरेली की रहने वाली हैं। सालों पहले पढ़ाई के लिए यूपी से दिल्ली आई थीं और फिर यहीं बस गईं। उन्होंने CA की डिग्री हासिल की और कई नामी कंपनियों में काम करने के बाद फैमिली बिजनेस संभालने का फैसला लिया। उनकी कंपनी KG सोमानी एंड कंपनी एक फाइनेंशियल एडवाइजरी फर्म है।
उपलब्धियों से भरा जीवन
हालांकि, तृप्ति की पहचान केवल इस कंपनी तक ही सीमित नहीं है। उनका जीवन उपलब्धियों से भरा हुआ है। वह वर्ल्ड बैंक से लेकर एमएसएमई मंत्रालय तक कई प्रतिष्ठित संस्थानों से जुड़ी रही हैं। तृप्ति ‘Womennovator’ के जरिये महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही हैं। देश ही नहीं, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी उनके काम को सराहा गया है।
‘Womennovator’ तृप्ति की एक पहल है, जिसके नाम में उनकी क्रिएटिव और आधुनिक सोच की झलक मिलती है। तृप्ति हमेशा से ही महिलाओं के लिए कुछ करना चाहती थीं। खासकर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना तृप्ति की प्राथमिकता थी, और आज वह अपने इस काम को बखूबी अंजाम दे रही हैं। Womennovator ऐसी महिलाओं के लिए एक मंच है, जिन्हें आगे तो बढ़ना है, लेकिन आगे बढ़ने का रास्ता समझ नहीं आ रहा है।
महिलाओं की बदल रहीं जिंदगी
तृप्ति सोमानी मानती हैं कि हर महिला को कुछ न कुछ करना चाहिए। देश के विकास में योगदान देना चाहिए। महिलाएं जब कमाती हैं तो इससे न केवल उनके हाथ मजबूत होते हैं, बल्कि देश की जीडीपी ग्रोथ में भी मदद मिलती है। Womennovator की शुरुआत एक फेसबुक पेज से हुई थी। धीरे-धीरे इसने समाज के बीच अपनी जगह बनाई और फिर समाज को दिशा देने की भूमिका में आ गया।
2016 में तृप्ति सोमानी की इस पहल के तहत एक इवेंट आयोजित किया गया, जिसने पुरुष प्रधान समाज की पूरी तस्वीर ही बदल दी। तृप्ति और उनकी टीम ने अलग-अलग शहरों में घूमकर महिलाओं की दशा को समझा, उनकी परेशानियों को पहचाना और फिर उन्हें आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया। इस रास्ते में आने वाली मुश्किलों का सामना उन्हें कैसे करना है, इस कला में भी पारंगत किया।
कैंसर का हंसकर किया सामना
हर किसी की जिंदगी में कभी न कभी कोई न कोई मुश्किल दौर आता है। तृप्ति जब Womennovator के जरिये महिलाओं का जीवन संवारने में मशगूल थीं, तभी उन्हें अपनी लाइफ से जुड़ी एक चौंकाने वाली खबर मिली। उन्हें पता चला कि कैंसर ने उन्हें जकड़ लिया है। कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जो सबसे पहले व्यक्ति में मनोबल को प्रभावित करती है।
मानसिक रूप से मजबूत लोगों को भी इसके आगे टूटते देखा गया है। लेकिन तृप्ति ने कैंसर को खुद पर हावी नहीं होने दिया। वह जानती थीं कि आगे का सफर उनके लिए आसान नहीं होने वाला, मानसिक और शारीरिक तमाम तरह की परेशानियों का सामना उन्हें करना पड़ेगा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
पॉजिटिव सोच से जीती जंग
वह कैंसर से लड़ीं और ऐसे कि जीतकर ही दम लिया। इस जानलेवा बीमारी से जंग के दौरान भी उन्होंने महिलाओं की मदद के अपने मिशन को जारी रखा। एक भी दिन ऐसा नहीं गया, जब उन्होंने खुद को घर की चारदिवारी में कैद कर लिया हो।
हर अवस्था में वह चेहरे पर मुस्कान लिए अपने साथ-साथ दूसरों का हौसला बढ़ाती रहीं। तृप्ति का कहना है कि उन्होंने मन में बस यह ठान लिया था, जो जाए हिम्मत नहीं हारनी, उन्हें कुछ होने वाला नहीं है। और इस पॉजिटिव सोच से उन्होंने कैंसर से जंग में जीत हासिल की।
कई क्षेत्रों में सक्रिय
तृप्ति सोमानी के Womennovator से अमेजन जैसी कई कंपनियों ने टाई-अप किया हुआ है। Womennovator कई तरह से महिलाओं की मदद करता है। इसके तहत महिलाओं को कारोबारी दुनिया में खुद को स्थापित करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, उनके उत्पादों को कॉर्पोरेट तक पहुंचाया जाता है, मार्केटिंग, सोशल मीडिया पर मौजदूगी में उनकी मदद की जाती है और ग्रांट्स दिलाने में भी सहायता की जाती है।
तृप्ति पढ़ाई के साथ-साथ खेलों के महत्त्व को भी समझती हैं। इसलिए उनकी संस्था हर साल Queens 11 क्रिकेट लीग भी आयोजित करवाती है, जिसकी लॉन्चिंग वीरेंद्र सहवाग ने की थी। इसके अलावा वह पर्यावरण के क्षेत्र में भी काम कर रही हैं।