नौसेना के बेड़े में तमाल के बाद अब उदयगिरि भी जुड़ गया है। आपको बता दें, तमाल रूस में बना है, लेकिन उदयगिरि अपने देश में बना है। साल 2023 में उस समय के नौसेना चीफ आर हरि कुमार ने न्यूज24 से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा था कि 2047 तक भारतीय नौसेना पूर तरह से आत्मनिर्भर बन जाएगी। यहां तक कि कल पूर्जे से लेकर सभी तरह के डिजाइन भी भारत में ही बनाकर तैयार किया जाएगा। आर हरी कुमार की यह बात अब धीरे-धीरे अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ते जा रही है। आईएनएस उदयगिरि अब अपना दमखम दिखाने के लिए तैयार है। इसे अब भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया गया है।
अपने देश में उदयगिरि
प्रोजेक्ट 17 ए के तहत मझगांव डॉक शिप बिल्डर्स लिमिटेड ने इसे तैयार किया हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देखा गया था कि भारतीय नौसेना सबसे पहले पाकिस्तान के हर हमलों का जवाब देने के लिए तैयार बैठी थी। उसी वक्त यह तय हो गया था कि तीनों सेना अपनी-अपनी ताकत का ज्यादा से ज्यादा इजाफा करने में जुट जाए। इसी क्रम में आईएनएन उदयगिरि को शामिल होना कही ना कही भारतीय नौसेना की ताकत को दिखा रहा है।
इस आईएनएन में मल्टीरोल प्ले करने वाले मिसाइल और हथियार को लगाया गया है। यानी सतह से सतह मार करने वाली सुपरसोनिक मिसाइल से लैस करने के साथ ही 76 मिमी की गन और तेज फायरिंग क्लोज-इन वेपन सिस्टम का लगाया गया। मेक इन इंडिया का बढावा देने की दिशा में आइएनएस उदगिरि में लगभग 75 प्रतिशत जो उपकरण लगे हुए वह पूरी तरह से स्वदेशी है।
उदयगिरि की क्या खासियत हैं?
- यह एंटी सर्फेस और एंटी शिप वॉरफेयर से पूरी तरह से लैस है।
- एंटी सबमरीन वॉरफेयर के लिए वरुणास्त्र और एंटी सबमरीन रॉकेट लॉन्चर, एंटी एयर वॉरफेयर के लिए एयर डिफेंस गन, बराक 8 लॉन्ग रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल से लैस है।
- यह कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम, फ्रीगेट सोनार और मल्टी फंक्शन डिजिटल से लैस है, जो लंबी दूरी से आने वाले हमले को ट्रैक, डिटेक्ट और इंटरसेप्ट करता है।
- इस फ्रीक्रेट में 2 हेलीकॉप्टर भी आसानी से लैंड कर सकते हैं और उन्हें रखने के लिए हैंगर भी मौजूद है।
- नेवी वॉरशिप ने इसका डिजाइन तैयार किया है।
- 6600 टन वजनी यह फ्रीगेट 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकता है।
आपको बता दें, उदगिरि नाम भारत के पर्वत श्रृंखलाओं पर रखे गए हैं। यानी उदयगिरि पर्वत की तरह अडिग है और दुश्मनों पर पूरी नजर रख सकता है।
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