21 मई की रात खराब मौसम के कारण इंडिगो की एक फ्लाइट के पायलट ने पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने का अनुरोध किया। हालांकि, इस अनुरोध को भारतीय वायु सेना के उत्तरी नियंत्रण केंद्र और लाहौर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) दोनों ने अस्वीकार कर दिया।
इसके बाद, चालक दल ने ओलावृष्टि से बाहर निकलने तक विमान को मैन्युअल रूप से उड़ाया। स्थिति गंभीर होने पर पायलट ने श्रीनगर ATC को “पैन-पैन” सिग्नल दिया और रडार वेक्टर के लिए अनुरोध किया। इसके बाद विमान ने ऑटो थ्रस्ट के सामान्य संचालन के साथ सुरक्षित रूप से लैंडिंग की।
इस दौरान विमान में सवार किसी भी यात्री को कोई चोट नहीं आई। उड़ान के बाद की जांच में विमान के नोज़ रेडोम को क्षति पहुंचने की पुष्टि हुई। DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) के अनुसार, विमान 8,500 फीट प्रति मिनट की तेज गति से नीचे गिरने लगा था। इस दौरान विमान में आपातकालीन अलार्म बजने लगे, जिससे 220 से अधिक यात्रियों में दहशत फैल गई। पायलट ने तत्परता दिखाते हुए श्रीनगर ATC को “पैन-पैन” कॉल दी, जिसके बाद विमान ने श्रीनगर हवाई अड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग की।
क्या होता है “पैन-पैन”?
“पैन-पैन” एक अत्यावश्यकता (urgency) सिग्नल होता है, जिसका अर्थ है कि विमान में कोई ऐसी तकनीकी या मेडिकल समस्या उत्पन्न हुई है, जो गंभीर हो सकती है, लेकिन अभी जीवन या विमान पर तत्काल खतरा नहीं है।
इसका प्रयोग उदाहरणत: तब किया जाता है जब:
- किसी यात्री को तुरंत चिकित्सा सहायता की ज़रूरत हो
- इंजन में हल्की खराबी आ गई हो
- कम ईंधन या संभावित आग की आशंका हो
- यह “मे डे (Mayday)” से कम गंभीर स्थिति को दर्शाता है।
“Mayday” क्या होता है?
“Mayday” सिग्नल का प्रयोग तब किया जाता है जब विमान या जहाज में कोई गंभीर आपात स्थिति उत्पन्न हो गई हो और जीवन पर सीधा खतरा हो। यह अलार्म तब दिया जाता है जब:
- विमान क्रैश की स्थिति में हो
- पायलट कंट्रोल खो दे
- आग या गंभीर तकनीकी खराबी हो जाए
“Mayday” शब्द फ्रांसीसी वाक्यांश “m’aider” से लिया गया है, जिसका अर्थ है – “मेरी मदद करो”। इस शब्द को 1927 में वाशिंगटन, डी.सी. में हुए अंतर्राष्ट्रीय रेडियोटेलीग्राफ सम्मेलन में आधिकारिक तौर पर संकट संकेत के रूप में अपनाया गया था।