Indian Star Tortoise : अंतरराष्ट्रीय सीमा भारत-बांग्लादेश पर भारतीय स्टार कछुए की तस्करी क्यों की जाती है। आए दिन तस्करी के कई मामले पकड़े जाते हैं। बीएसएफ के जवानों ने 2 सितंबर को 3 तस्करों को अपने सिर पर बड़ी बोरियां रखकर सीमा के पार बांग्लादेशी इलाके में भागते हुए देखा था, जिनमें से एक तस्कर पकड़ा गया, जबकि दो बांग्लादेशी इलाके में भाग गए। बीएसएफ ने एक बोरी भी जब्त की, जिसमें 200 भारतीय स्टार कछुए थे। ये ऐसी प्रजाति के कछुए हैं, जिसे साल 2016 में IUCN रेड लिस्ट में संवेदनशील के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
बीएसएफ के बयान के अनुसार, पकड़े गए तस्कर ने बताया कि बाकी दो बोरियों में भी इतनी ही संख्या में भारतीय स्टार कछुए थे। इससे पहले जनवरी 2024 में बीएसएफ ने दक्षिण पश्चिम बंगाल में करीब 600 भारतीय स्टार कछुए जब्त किए थे। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2015-2024 के बीच अबतक 1,250 कछुए पकड़े गए। केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी ने करीब 250 किलो कछुओं का मांस बरामद किया था।
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क्या है कानून?
भारत के वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची 1 में भारतीय स्टार कछुए सूचीबद्ध है, जिसमें जानवरों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान किया गया है। वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के अनुसार, इस प्रजाति की तस्करी के लिए तीन से सात साल की जेल की सजा और कम से कम 25,000 रुपये का जुर्माना है।
क्यों कछुआ रखना पसंद करते हैं लोग?
वर्ल्ड एनिमल प्रोटेक्शन नामक एक ग्लोबल नॉन प्रॉफिट संस्था के सरीसृप विज्ञानी और सलाहकार अनिरबन चौधरी ने कहा कि भारतीय स्टार कछुए की मांग अधिक है, क्योंकि भारत और विदेशों में उन्हें पालतू जानवर के रूप में रखा जाता है। पश्चिमी भारत में लोग इसे लकी चार्म्स रूप में रखना पसंद करते हैं। कभी-कभी इसे धार्मिक वस्तु या दीर्घायु के प्रतीक के रूप में रखा जाता है।
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क्या खाता है कछुआ?
उन्होंने आगे कहा कि कछुए को खाने के लिए सिर्फ सब्जियां ही दी जा सकती हैं और वे घर में अकेले ही घूमते रहते हैं। इसे विदेशी पालतू जानवर भी माना जाता है, जहां कोई यह कह सकता है कि हर किसी के पास कुत्ता होता है, लेकिन उसके पास कछुआ है।