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Indian Navy ने अंग्रेजों के गुलामी की एक और प्रथा का किया अंत, जानें बदलाव की बड़ी वजह?

Indian Navy: भारतीय नौसेना के लिए शनिवार का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ। नौसेना ने गुलामी के एक और प्रतीक का हमेशा के लिए अंत कर दिया। सरकार के निर्देश पर भारतीय नौसेना ने अपने सभी कर्मियों को छड़ी लेकर चलने की प्रथा को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है। सेना के प्रवक्ता ने कहा […]

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Jul 29, 2023 20:30
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Indian Navy, Colonial legacy, batons
Indian Navy

Indian Navy: भारतीय नौसेना के लिए शनिवार का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ। नौसेना ने गुलामी के एक और प्रतीक का हमेशा के लिए अंत कर दिया। सरकार के निर्देश पर भारतीय नौसेना ने अपने सभी कर्मियों को छड़ी लेकर चलने की प्रथा को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है। सेना के प्रवक्ता ने कहा कि अमृत काल में औपनिवेशिक विरासत की कोई जगह नहीं है।

ये है बदलाव की वजह

भारतीय नौसेना ने कहा कि समय बीतने के साथ नौसेना कर्मियों द्वारा छड़ी (Baton) लेकर चलना एक आदर्श बन गया। बैटन शक्ति या पॉवर के रुप में दिखाना औपनिवेशिक विरासत है। लेकिन अमृतकाल में इसकी कोई जगह नहीं है। अब इसे तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। नौसेना ने कहा है कि बैटन का इस्तेमाल अब सिर्फ कमांड बदलने पर ऑफिस में सिर्फ रस्म निभाने के रूप में होगा।

पिछले साल बदला था ध्वज

भारतीय रक्षा बलों ने गुलामी के प्रतीकों से बाहर निकलने के लिए कई कदम उठाए हैं। पिछले साल सितंबर में भारतीय नौसेना ने भी अपना प्रतीक चिन्ह बदल दिया था। भारतीय नौसेना के नए ध्वज या ‘निशान’ का प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अनावरण किया था। जहां औपनिवेशिक अतीत से नौसेना को छुटकारा मिला था।

पहले नेवी के ध्वज में सेंट जॉर्ज क्रॉस का निशान था। अब ध्वज में छत्रपति शिवाजी की शाही मुहर का प्रतिनिधित्व का प्रतिनिधित्व है।

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First published on: Jul 29, 2023 08:27 PM

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