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जम्मू कश्मीर में सेना ने चलाया बड़ा ऑपरेशन, नियंत्रण रेखा पर संदिग्ध गतिविधि के बाद अलर्ट

जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा के पास संदिग्ध गतिविधियों के बाद बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया है। सुबह 8 से 9 बजे के बीच पाकिस्तानी आतंकवादियों के चार सदस्यीय समूह ने सीमा पार करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना की कार्रवाई के बाद वे भाग निकले।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Avinash Tiwari Updated: Jun 24, 2025 19:59
Indian Army Jammu kashmir
भारतीय सेना (फोटो सोर्स- ANI)

जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में भारतीय सेना बड़े पैमाने पर सर्च अभियान चला रही है। नियंत्रण रेखा पर कुछ संदिग्ध गतिविधियां देखी गई थीं , जिसके बाद सेना ने बड़े पैमाने पर आंतकवाद विरोध अभियान चलाया है। बड़े क्षेत्र में घेरा-बंदी की गई और तलाशी अभियान चल रहा है।

जानकारी के अनुसार, राजोरी जिले के नियंत्रण रेखा के केरी सेक्टर के पास संदिग्ध गतिविधि देखी गई। रेखा के पार से पाकिस्तानी आतंकियों के ग्रुप ने घुसपैठ करने का भी प्रयास किया था। भारतीय सेना की गोलीबारी के बाद घुसपैठिए वहां से भाग गए थे।

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रिपोर्ट्स के अनुसार, सुबह 8 से 9 के बीच  करीब चार आतंकियों का ग्रुप सीमा में दाखिल होने की  कोशिश कर रहा था, तभी सेना ने फायरिंग कर दी। इसके बाद ये चारों कहीं गायब हो गए। अब इन आतंकियों की तलाश के लिए सेना पूरे इलाके में सर्च अभियान चला रही है।

पहलगाम हमले के बाद सेना सतर्क

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू कश्मीर में तैनात सुरक्षाकर्मी सतर्क हैं और सीमा पर होने वाली हर गतिविधि पर नजर रखे हुए हैं। 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों ने 26 पर्यटकों को गोली से भून दिया था। इस घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते बेहद खराब हो गए थे। दोनों देश युद्द के कगार पर आकर खड़े हो गए थे।

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पहलगाम हमला मामले में दो गिरफ्तार

मामले की जांच कर ही NIA की टीम ने रविवार को दो कश्मीरियों को गिरफ्तार किया। आरोप है कि इन्होंने पहलगाम में हमला करने वाले तीन आतंकवादियों को छिपने में मदद की थी। NIA का कहना है कि दोनों आरोपियों ने पाकिस्तान से आए आतंकवादियों को खाना, रुकने की व्यवस्था और अन्य सहायता दी थी। इन्होंने आतंकियों को रुकने में मदद की, जिससे वे इस घटना को अंजाम देने में कामयाब हुए थे।

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बताया जा रहा है कि ये दोनों आरोपी ने सिर्फ आतंकियों की मदद की थी बल्कि हमले में भी शामिल थे। उन्होंने पहले इलाके में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया और घाटी में तैनात सुरक्षाकर्मियों के बारे में भी जानकारी लेकर आंतकियों से साझा की थी। इससे आतंकियों को बड़ी मदद मिली और वे हमला करने और वहां से भागने में कामयाब हो गए।

First published on: Jun 24, 2025 06:11 PM