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‘हमें पाकिस्तान पर भरोसा न होने की वजह से परेशानी झेलनी पड़ी…’, अमेरिकी राजदूत का 8 साल पुराना वीडियो वायरल

India-Pakistan War Situation: पहलगाम में हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच टेंशन बढ़ती जा रही है। इसी बीच चीन में अमेरिका के पूर्व राजदूत निकोलस बर्न्स का एक पुराना वीडियो सामने आया है, जिसमें वह पाकिस्तान और भारत के साथ अमेरिका के रिश्तों को लेकर बात करते नजर आ रहे हैं।

Author Edited By : Shabnaz Updated: May 12, 2025 15:26
India-Pakistan War Situation

India-Pakistan War Situation: भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति का एक पोस्ट सामने आया है, जिसमें वह दोनों देशों में चल रही लड़ाई को रोकने की बात करते हैं। उन्होंने पोस्ट में दोनों देशों के बीच सीजफायर पर सहमति बनने की जानकारी दी। हालांकि, पाकिस्तान ने नियमों का उल्लंघन करते हुए भारत पर फिर से हमला करने की कोशिश की। इसी बीच भारत और पाकिस्तान की इस लड़ाई में अमेरिका का बीच में आना बहुत से नेताओं और आम जनता को पसंद नहीं आया। राजनीतिक मामलों के पूर्व अवर सचिव और चीन में अमेरिका के पूर्व राजदूत निकोलस बर्न्स का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह पाकिस्तान पर भरोसा नहीं करने की बात कहते नजर आ रहे हैं, लेकिन ये वीडियो पुराना है।

पुराना वीडियो वायरल

दरअसल, जो वीडियो सामने आया है, वह 8 साल पुराना है। यह वीडियो ब्रुकिंग्स में इंडिया प्रोजेक्ट ने शिवशंकर मेनन की नई किताब ‘चॉइसेस: इनसाइड द मेकिंग ऑफ इंडियाज फॉरेन पॉलिसी’ के विमोचन के दौरान का है। इस वीडियो में शिव शंकर मेनन बैठे दिख रहे हैं। वह विदेश सचिव, प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, दो बार चीन के राजदूत, श्रीलंका और पाकिस्तान के उच्चायुक्त और इजरायल में भारतीय राजदूत भी रह चुके हैं।

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वहीं, उनके साथ अमेरिका के राजनीतिक मामलों के पूर्व अवर सचिव और चीन में अमेरिका के पूर्व राजदूत निकोलस बर्न्स पैनल में बैठे हैं। इस दौरान निकोलस बर्न्स को भारत के साथ अमेरिका के रिश्तों पर खुलकर बात करते हुए देखा जा सकता है। यहां गौर करने वाली बात है कि निकोलस बर्न्स भारत में कभी भी अमेरिकी राजदूत नहीं रहे हैं।

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अमेरिका-भारत का रिश्ता कैसा?

निकोलस बर्न्स ने अमेरिका-भारत के रिश्ते को बनाने में कई बड़े नेताओं का नाम लेते हुए कहा कि ‘1947 में आधुनिक भारत के जन्म के बाद से ही हमेशा कुछ ऐसे लोग हैं, जिन्होंने उस रिश्ते को बनाया है।’ बर्न्स ने कहा कि ‘जब हिलेरी क्लिंटन 20 जनवरी 2017 को पद की शपथ लेंगी, हमें फिर उम्मीद है कि नरेंद्र मोदी के साथ विश्वास का रिश्ता बनाएंगी।’ उन्होंने भारत को लेकर कहा कि ‘एशिया-प्रशांत में जहां भी आप देखें, वैश्विक मुद्दों पर हमारी रणनीतिक एकरूपता बढ़ रही है। साथ ही साथ न केवल साथ मिलकर काम करने की, बल्कि समस्याओं को वास्तव में देखने की क्षमता भी बढ़ रही है।’

दीवार को गिरा दिया- बर्न्स

उन्होंने भारत और अमेरिका के साथ आने को लेकर आगे कहा कि ‘हमने उस दीवार को गिरा दिया है, जिसने दोनों देशों को अलग कर रखा था और इसलिए हमें एक सामान्य रिश्ते की जरूरत है, जो हो रहा है।’ बर्न्स कहते हैं कि ‘पिछले 10 सालों में हमारा व्यापार चार गुना बढ़ गया है। हम एक तरह से वैश्विक साझेदार हैं, जो हम 20 साल पहले तक नहीं थे। मुझे लगता है कि इस रिश्ते में अमेरिकियों को यह समझने में थोड़ा समय लगा कि हमारे हित अलाइन हो सकते हैं, लेकिन हम अलग हैं, हम सम्मान करते हैं, हम दोनों महान शक्तियां हैं।’

चीन पर क्या था मत?

बर्न्स ने उस दौरान चीन के साथ दोनों देशों के रिश्ते पर भी बात की। उन्होंने कहा कि ‘ऐसा भी समय आएगा, जब हम असहमत होंगे और यह सामान्य है। हम दोनों के चीन के साथ बड़े व्यापारिक संबंध हैं, जलवायु परिवर्तन पर चीन के साथ हमारी साझेदारी है, जो बहुत महत्वपूर्ण है और फिर भी हम में से कोई भी चीन को हावी होते नहीं देखना चाहता है।’

‘राष्ट्रपति ओबामा ने अच्छा काम किया’

बर्न्स उस वक्त के राष्ट्रपति ओबामा और प्रधानमंत्री मोदी के रिश्ते पर भी बात करते हैं। उन्होंने कहा कि ‘मुझे लगता है कि संयुक्त राज्य अमेरिका बहुत आशाजनक और सही भी है कि हमें इस तरह से एक साथ काम करना चाहिए। इसलिए भविष्य के लिए आपको बड़े पैमाने पर रणनीतिक समझ की जरूरत है।’ बर्न्स ने आगे कहा कि ‘मैं राष्ट्रपति ओबामा को श्रेय देता हूं कि उन्होंने पीएम मोदी के साथ अच्छे रिश्ते बनाने का बहुत अच्छा काम किया है। यह तय करने की कोशिश की कि हम कहां एक साथ काम कर सकते हैं।’

बाहरी लोगों को निकालना नहीं चाहिए

जैसा कि सब जानते हैं कि 2025 में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद उन्होंने आप्रवासियों को देश छोड़ने का आदेश दिया। इस पर बर्न्स ने आम चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप का जो आप्रवासन और शरणार्थियों के लिए रवैया था, उस पर भी बात की। उन्होंने कहा कि ‘हमें शरणार्थियों और आप्रवासियों को लेना चाहिए और अपने दरवाजे बंद नहीं करने चाहिए।’

‘अमेरिका भारत और पाकिस्तान का विभाजन कर रहा है’

निकोलस बर्न्स से जब पूछा गया कि किछ लोग कहते हैं कि ‘अमेरिका भारत और पाकिस्तान का विभाजन कर रहा है।’ इस पर वह कहते हैं कि ‘मुझे लगता है कि यह एक बड़ी गलती होगी। हम इन दोनों देशों के साथ अपने संबंधों को किसी तरह से ढालने की कोशिश करते हैं। आप जानते हैं कि हमें समान व्यवहार और समान स्तर के हित रखने होंगे, क्योंकि भारत के साथ हमारे रिश्ते पाकिस्तान के मुकाबले पूरी तरह से अलग और सकारात्मक हैं।’

उन्होंने पहले पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों पर कहा कि ‘पाकिस्तान के साथ हमारे रिश्ते ज्यादा मजबूत थे।’ वह कहते हैं कि ‘हमें पाकिस्तान पर भरोसा न होने की वजह से बहुत परेशानी झेलनी पड़ी है, क्योंकि वह अपनी जमीन पर ही आतंकवादी समूहों से लड़ने में असमर्थ है, जिसकी वजह से अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की मौत हुई है।’

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First published on: May 12, 2025 03:26 PM

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