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भारत-पाकिस्तान में जंग छिड़ी तो सरकार के सामने क्या होगीं चुनौतियां?

भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। दोनों देश मिसाइल और ड्रोन से एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं। हालात ऐसे हैं जहां अगर जल्द दोनों देशों के बीच टकराव रोकने का कोई रास्ता नहीं खुला, तो इसका बढ़ना तय माना जा रहा है। आइए जानते हैं इसका आम नागरिकों पर क्या असर पड़ेगा?

Author Edited By : News24 हिंदी Updated: May 9, 2025 10:34
India-Pakistan War
India-Pakistan War

भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। ऐसे में कई इलाकों में ब्लैकआउट भी किया गया। अगर हालात ऐसे बने रहें, तो भारत का शेयर मार्केट और तमाम ग्लोबल कंपनियों पर प्रभाव पड़ सकता है। फिर भी ऐसे में केंद्र सरकार देश के अंदर तमाम चीजों को दुरुस्त रखने की पूरी कोशिश कर रही है। बता दें कि ऐसे समय में सीमाओं को नहीं, आमजन को भी प्रभावित करते हैं। सरकार को इन पांच मोर्चों पर चिंता और चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं इसका असर किन चीजों पर पड़ सकता है और किसको नुकसान पहुंच सकता है?

1. आम जीवन पर कम से कम प्रभाव

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बता दें कि सरकार की बड़ी चिंता यह है कि ऐसी स्थिति में आम नागिरकों का जीवन प्रभावित न हो। ऐसे हालात में सबसे ज्यादा असर मंहगाई और सेवाओं पर पड़ता है। भारत के पक्ष में सबसे बड़ी बात है, कि यहां आतंरिक हालात एकदम सामान्य हैं, तो पाकिस्तान पहले से कई समस्याओं से घिरा हुआ है।

2. ग्लोबल नैरेटिव

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ऐसे हालात में भारत की कोशिश है कि ग्लोबल नैरेटिव अपने पक्ष में रहे। यही कारण है, कि भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के लगभग 15 दिनों के बाद पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक की। जब पूरी दुनिया को बता दिया गया है, कि किन हालात में आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया। भारत विश्व को यह सबूतों से बताने की कोशिश करेगा, कि युद्ध या इस संघर्ष के लिए पाकिस्तान जिम्मेदार है। अब तक भारत का वैश्विक समर्थन कई देशों ने किया है।

3. ग्रोथ स्टोरी निवेश पर असर

बता दें कि ऐसे हालात में टकराव वाले इलाके में विकास पर असर पड़ सकता है। ग्लोबल कंपनियों के निवेश भी ऐसे इलाकों में जाने से परहेज करते हैं। सूत्रों के अनुसार, भारत ने इंग्लैंड के साथ फ्री बिजनेस पर समझौते को अंतिम मुकाम तक पहुंचाया। अमेरिकी कंपनी स्टारलिंक को देश में आने के लिए अनुमति देने के साथ ही अमेरिका के साथ भी टैरिफ मसला जल्द हल करने के पीछे यही मंशा दिख रही है, कि इन संघर्ष से भारत की ग्रोथ को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचेगा।

4. सप्लाई चेन पर कोई असर नहीं हो

बता दें कि ऐसे हालात में सबसे ज्यादा चिंता देश के अंदर सप्लाई चेन पर असर पड़ता है। गुरुवार को पीएम मोदी ने तमाम सचिवों के साथ मीटिंग में इसी बात पर सबसे ज्यादा फोकस रखा। उन्होंने कहा कि अगर सप्लाई चेन सुचारू है, तो हर चीजें सामान्य रहती हैं। सूत्रों के अनुसार इसके लिए तमाम मंत्रालयों को राज्य सरकारों से भी संपर्क में रहकर बेहतर को-ऑर्डिनेंश करने को कहा है।

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First published on: May 09, 2025 10:22 AM

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