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ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय हथियारों का दुनिया में बजा डंका, इजराइल से मिला 150 करोड़ का ऑर्डर

भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए दुनिया को दिखा दिया कि अब वह सिर्फ आयात नहीं, निर्यात करने वाला देश बन चुका है। भारत में बने हथियारों की ताकत देखकर इजराइल तक प्रभावित हुआ और पहली बार एक भारतीय कंपनी को 150 करोड़ रुपये का विदेशी ऑर्डर मिला।

Author Written By: Pawan Mishra Author Published By : Ashutosh Ojha Updated: May 26, 2025 20:06
Operation Sindoor
Operation Sindoor

भारत ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह अब केवल एक शांतिप्रिय देश ही नहीं, बल्कि एक मजबूत और आत्मनिर्भर सैन्य शक्ति भी है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए भारत ने दुनिया को दिखा दिया कि अब उसे विदेशी हथियारों की जरूरत नहीं। भारत में बने हथियार और ड्रोन इतने शक्तिशाली निकले कि पाकिस्तान और तुर्की जैसे देशों के आधुनिक हथियार भी पीछे रह गए। अब भारत की डिफेंस कंपनियों की गूंज विदेशों तक पहुंच रही है और पहली बार किसी भारतीय कंपनी को इजराइल से करोड़ों रुपये का ऑर्डर मिला है जो एक ऐतिहासिक कदम है।

भारतीय हथियारों की ताकत ने दुनिया को चौंकाया

भारत का फेमस ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है, लेकिन इस ऑपरेशन ने दुनिया को दिखा दिया है कि अब भारत की सेना विदेशी हथियारों पर निर्भर नहीं है। इस बार के ऑपरेशन में ज्यादातर हथियार और ड्रोन ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत भारत में ही बनाए गए थे। खास बात ये रही कि भारत के हथियारों के सामने पाकिस्तान और तुर्की के आधुनिक हथियार भी कमजोर पड़ गए। इसका असर ये हुआ कि अब पूरी दुनिया भारत की डिफेंस कंपनियों की ताकत को पहचान रही है और उनका सम्मान कर रही है।

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इजराइल से भारत को मिला 150 करोड़ का ऑर्डर

इसी कड़ी में एक बड़ी खबर सामने आई है। इजराइल की एक प्रसिद्ध डिफेंस कंपनी ने भारत की ‘नायब लिमिटेड’ को 17.52 मिलियन डॉलर यानी करीब 150 करोड़ रुपये का ऑर्डर दिया है। यह ऑर्डर खासतौर पर एक रॉकेट लॉचर के निर्माण के लिए दिया गया है, जिसकी मारक क्षमता 300 किलोमीटर तक है। यह पहली बार है जब भारत की कोई रक्षा कंपनी किसी विदेशी सेना के लिए अत्याधुनिक हथियार बना रही है। अब तक भारतीय कंपनियां सिर्फ अपनी थल, जल और वायु सेना के लिए टेक्नोलॉजी बनाती थीं।

भारत की डिफेंस कंपनियों को मिल रही अंतरराष्ट्रीय पहचान

इस रॉकेट लॉचर के निर्माण से भारत की डिफेंस टेक्नोलॉजी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिलेगी। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, आने वाले समय में इजराइल के अलावा और भी कई देशों से ऑर्डर मिलने की उम्मीद है। भारतीय डिफेंस कंपनियां अब हथियारों के पूरे सिस्टम के साथ-साथ उनके छोटे-बड़े कलपुर्जे भी खुद बनाने पर जोर दे रही हैं, जिससे विदेशी कंपनियों पर निर्भरता कम हो सके। इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी और रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे।

ब्रहमोस मिसाइल का नया वर्जन भारत में बनेगा

रक्षा मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार भारत और रूस मिलकर ब्रह्मोस मिसाइल के नए वर्जन पर काम कर रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल ने बेहतरीन काम किया था, जिसके बाद इस मिसाइल को और ज्यादा आधुनिक बनाने की योजना है। उत्तर प्रदेश में बनी ब्रह्मोस मिसाइल की नई फैक्ट्री में ही अब एडवांस वर्जन का निर्माण शुरू किया जाएगा। इन सभी घटनाओं से साफ है कि भारत अब रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनकर एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है।

First published on: May 26, 2025 05:36 PM

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