भारत ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह अब केवल एक शांतिप्रिय देश ही नहीं, बल्कि एक मजबूत और आत्मनिर्भर सैन्य शक्ति भी है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए भारत ने दुनिया को दिखा दिया कि अब उसे विदेशी हथियारों की जरूरत नहीं। भारत में बने हथियार और ड्रोन इतने शक्तिशाली निकले कि पाकिस्तान और तुर्की जैसे देशों के आधुनिक हथियार भी पीछे रह गए। अब भारत की डिफेंस कंपनियों की गूंज विदेशों तक पहुंच रही है और पहली बार किसी भारतीय कंपनी को इजराइल से करोड़ों रुपये का ऑर्डर मिला है जो एक ऐतिहासिक कदम है।
भारतीय हथियारों की ताकत ने दुनिया को चौंकाया
भारत का फेमस ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है, लेकिन इस ऑपरेशन ने दुनिया को दिखा दिया है कि अब भारत की सेना विदेशी हथियारों पर निर्भर नहीं है। इस बार के ऑपरेशन में ज्यादातर हथियार और ड्रोन ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत भारत में ही बनाए गए थे। खास बात ये रही कि भारत के हथियारों के सामने पाकिस्तान और तुर्की के आधुनिक हथियार भी कमजोर पड़ गए। इसका असर ये हुआ कि अब पूरी दुनिया भारत की डिफेंस कंपनियों की ताकत को पहचान रही है और उनका सम्मान कर रही है।
इजराइल से भारत को मिला 150 करोड़ का ऑर्डर
इसी कड़ी में एक बड़ी खबर सामने आई है। इजराइल की एक प्रसिद्ध डिफेंस कंपनी ने भारत की ‘नायब लिमिटेड’ को 17.52 मिलियन डॉलर यानी करीब 150 करोड़ रुपये का ऑर्डर दिया है। यह ऑर्डर खासतौर पर एक रॉकेट लॉचर के निर्माण के लिए दिया गया है, जिसकी मारक क्षमता 300 किलोमीटर तक है। यह पहली बार है जब भारत की कोई रक्षा कंपनी किसी विदेशी सेना के लिए अत्याधुनिक हथियार बना रही है। अब तक भारतीय कंपनियां सिर्फ अपनी थल, जल और वायु सेना के लिए टेक्नोलॉजी बनाती थीं।
India clinches $17.52 million export order from Israel for universal rocket launchers.
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HUGE boost to Make in India !!
India’s NIBE Ltd has secured a $17.52 million export order from an Israeli firm.
It will supply 300 km-range rocket… pic.twitter.com/wBvbh9gQpd
— Lucifer (@krishnakamal077) May 26, 2025
भारत की डिफेंस कंपनियों को मिल रही अंतरराष्ट्रीय पहचान
इस रॉकेट लॉचर के निर्माण से भारत की डिफेंस टेक्नोलॉजी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिलेगी। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, आने वाले समय में इजराइल के अलावा और भी कई देशों से ऑर्डर मिलने की उम्मीद है। भारतीय डिफेंस कंपनियां अब हथियारों के पूरे सिस्टम के साथ-साथ उनके छोटे-बड़े कलपुर्जे भी खुद बनाने पर जोर दे रही हैं, जिससे विदेशी कंपनियों पर निर्भरता कम हो सके। इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी और रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे।
ब्रहमोस मिसाइल का नया वर्जन भारत में बनेगा
रक्षा मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार भारत और रूस मिलकर ब्रह्मोस मिसाइल के नए वर्जन पर काम कर रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल ने बेहतरीन काम किया था, जिसके बाद इस मिसाइल को और ज्यादा आधुनिक बनाने की योजना है। उत्तर प्रदेश में बनी ब्रह्मोस मिसाइल की नई फैक्ट्री में ही अब एडवांस वर्जन का निर्माण शुरू किया जाएगा। इन सभी घटनाओं से साफ है कि भारत अब रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनकर एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है।