India Urgently Needs to File Amicus Curiae in US Supreme Court: अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट में भारत को जल्द ‘अमिकस क्यूरी’ (amicus curiae) याचिका दाखिल करनी चाहिए। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने मोदी सरकार को ये सलाह दी है।
दरअसल,अमेरिका ने इंडिया द्वारा रूस से तेल खरीद को आधार बनाकर देश पर लगाए टैरिफ को उचित ठहराया जा रहा है। अमेरिका ने वहां के अपील कोर्ट की उस ऑर्डर को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें इंडिया पर टैरिफ लगाने के फैसले को गैर कानूनी माना गया है।
भारत की चुप्पी का अमेरिका उठा सकता है फायदा?
रिपोर्ट के अनुसार यदि भारत चुप्पी साधे रहा और उसने ट्रंप सरकार के खिलाफ वहां की सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष नहीं रखा तो ट्रंप का यह दावा कि रूसी तेल आयात के कारण दंडात्मक टैरिफ जरूरी है, अमेरिका का सुप्रीम कोर्ट इस तर्क को बिना चुनौती के स्वीकार कर लेगा।
ट्रंप ने भारत के खिलाफ उठाया था ये बड़ा कदम
जानकारी के अनुसार ट्रंप सरकार ने 4 सितंबर 2025 को अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका में अमेरिकी सरकार ने अपील दायर कर निचली अदालत द्वारा रद्द किए गए टैरिफ को बहाल करने की मांग की गई। इतना ही नहीं इस अपील में अमेरिकी सरकार ने स्पष्ट रूप से भारत के रूस से तेल खरीद को टैरिफ लगाने का कारण बताया है।
ट्रेड संगठन का काम क्या, कोर्ट में क्या होता है अमिकस क्यूरी?
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव एक स्वतंत्र रिसर्च संगठन है। यह ट्रेड, तकनीक, क्लाइमेट चेंज और निवेश से जुड़े मुद्दों पर काम करता है। बता दें इस संगठन का मकसद सरकारों, उद्योगों और नीति निर्माताओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाली, सरल रिपोर्ट्स तैयार करना है। वहीं, अमिकस क्यूरी कोर्ट में कोई एक व्यक्ति या समूह हो सकता है, जो किसी मुकदमे में पक्षकार नहीं होता लेकिन अदालत को मामले की सुनवाई में सहायता करने के लिए स्वेच्छा से जुड़ता है।
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