Most Expensive And Cheapest Cities: दिल्ली, बेंगलुरू और मुंबई समेत देश के कई शहर में मेट्रो सिटी में शुमार होते हैं, जहां पर रहना और खाना-पीना काफी महंगा पड़ता है। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि देश का सबसे महंगा और सबसे सस्ता शहर कौन सा है? अगर नहीं तो हम यहां पर बता रहे हैं। दरअसल, शहरों में रहने के दौरान आय और घर की किस्त पर खर्च के हिसाब से यह रिपोर्ट जारी की गई है।
विश्व भर के शहरों की आर्थिक स्थिति पर नजर रखने वाली नाइट फ्रैंक अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में रहना सबसे महंगा तो गुजरात के अहमदाबाद में जीवन गुजारना सबसे सस्ता है। इसके अलावा भी देश के अन्य शहरों की स्थिति को लेकर रिपोर्ट में जिक्र किया गया है।
मुंबई फिर बना सबसे महंगा शहर
बॉलीवुड और नामी उद्यमियों के लिए मशहूर मुंबई हमेशा से ही महंगे शहरों में शुमार रही है। इस बीच अगस्त के दूसरे पखवाड़े में नाइट फ्रैंक अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स के अनुसार, सुविधा और संस्कृति के अलावा जीवंतता के नजरिये से चर्चित मुंबई ने एक बार फिर सबसे महंगा शहर का रुतबा बरकरार रखा है। कुलमिलाकर मुंबई में रहना काफी महंगा है, क्योंकि लोगों को अपनी आय का 50 प्रतिशत किराये या फिर ईएमआइ के भुगतान के रूप में करना पड़ता है।
अहमदाबाद में रहना सबसे सस्ता
साबरमती आश्रम और ऊन की बुनाई के लिए प्रसिद्ध गुजरात के अहमदाबाद शहर को नाइट फ्रैंक अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स की जारी ताजा रिपोर्ट देश का सबसे शहर बताया गया है। रहने और खाने-पीने के लिहाज से अहमदाबाद को किफायती शहर के रूप में एक नंबर पर रखा गया है। यहां पर आय का सिर्फ 23 प्रतिशत घर की ईएमआई के रूप में चुकाना पड़ता है।
ईएमआई बनी रिपोर्ट का आधार
बता दें कि नाइट फ्रैंक द्वारा जारी अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स उस शहर के निवासी द्वारा होम लोन के जरिए घर खरीदने पर चुकाई जाने वाली ईएमआई के आधार पर रहने सस्ता और अथवा महंगे शहर के रूप में तय करता है। इसके साथ-साथ उस शहर में एक औसत परिवार की कुल आय से विभाजित किया जाता है।
सबसे महंगा आवास मुंबई में
मुंबई के लिए होम लोन ईएमआई की आय का अनुपात 50 प्रतिशत है। इसका मतलब यह है कि अगर एक औसत परिवार होम लोन लेता है तो उसे अपनी आय का आधे से अधिक हिस्सा ईएमआई चुकाने पर खर्च करना पड़ता है। यह स्थिति शहरों में अलग-अलग है।
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अहमदाबाद से सस्ता है दिल्ली में रहना
देश की राजधानी दिल्ली में लोगों को होम लोन ईएमआई के लिए अपनी आय का 30 प्रतिशत खर्च करना पड़ता है। वहीं, दक्षिण भारत के अहम राज्यों में शुमार तमिलनाडु और कर्नाटक में मासिक कमाई का 28 प्रतिशत होम लोन की ईएमआई के रूप में देना पड़ता है। उधर, तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में आय का 31 प्रतिशत ईएमआई के रूप में चुकाना पड़ता है।
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