जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। भारत और फ्रांस के बीच 26 राफेल मरीन एयरक्राफ्ट की खरीद डील फाइनल हो गई। दोनों देश के अधिकारियों ने राफेल मरीन लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए औपचारिक रूप से रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह सौदा 63,000 करोड़ रुपये से अधिक का बताया जा रहा है। आइए जानते हैं कि राफेल मरीन लड़ाकू विमान की खासियत क्या है?
फ्रांस के साथ रक्षा सौदे में भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने किया, जिसमें नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल के स्वामीनाथन भी मौजूद थे। दोनों की मौजूदगी में भारत और फ्रांस के बीच अंतर सरकारी समझौते का आदान-प्रदान किया गया। दोनों देश के बीच हुई डील के तहत 22 सिंगल सीट और 4 ट्विन-सीट वाले एयरक्राफ्ट शामिल होंगे, जिससे भारतीय नौसेना और मजबूत होगी। पाकिस्तान के लिए एक और बड़ा संकट है।
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#WATCH | Delhi | The Intergovernmental agreement was exchanged between the two sides in the presence of Defence Secretary RK Singh and Navy Vice Chief Vice Admiral K Swaminathan.
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— ANI (@ANI) April 28, 2025
जानें राफेल-M की क्या है खासियत?
राफेल मरीन एयरक्राफ्ट राफेल फाइटर जेट से ज्यादा एडवांस और खतरनाक है। यह एयरक्राफ्ट बहुत कम जगह पर लैंड कर सकता है और आईएलएस विक्रांत से स्की जंप भी कर सकता है। यह 15.27 मीटर लंबा, 10.80 मीटर चौड़ा और 5,34 मीटर ऊंचा है। इसकी स्पीड 1913 किलोमीटर प्रति घंटे है और यह 50 हजार फीट ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। इस एयरक्राफ्ट को न्यूक्लियर प्लांट पर अटैक करने के लिए डिजाइन किया गया है।
INS विक्रांत पर होंगे तैनात
समुद्र में आईएनएस विक्रांत पर राफेल मरीन विमान तैनात होंगे। भारतीय समुद्री क्षेत्र में राफेल-एम के जरिए जासूसी, अटैक, निगरानी जैसे कई खतरनाक मिशन किए जा सकते हैं। इस विमान की सबसे खास बात यह है कि इसमें मिसाइल और गाइडेड बम लोड कर सकते हैं। यह फाइटर जेट पाकिस्तान को पूरी तरह से ‘बर्बाद’ कर सकता है।
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