Mumbai Ahmedabad rail corridor Latest Update: भारत के रेलमंत्री ने 7 जुलाई को पेश किए 2014-15 के रेलबजट में भारत के पहले बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का ऐलान किया था। पहले हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के प्रस्ताव को बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट के रूप में जाना गया। बजट स्पीच में इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य मुख्य शहरों के बीच सफर का समय कम करना था। रेलवे बजट 2014-15 में हुई घोषणा के अनुसार पहले बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का नाम लिया गया, वो मुंबई और अहमदाबाद के रूट को जोड़ता है।
Work in Progress and at an impressive pace…
Mumbai Ahmedabad High Speed Rail Corridor (MAHSR)
Video – Near Navsari
Pic – Near Surat@TheMetroRailGuy @Sahilinfra2 @cbdhage pic.twitter.com/nQSJkK3IAG---विज्ञापन---— मुलुंड info (@mulund_info) March 26, 2024
मुंबई-अहमदाबाद रेल कॉरिडोर का ताजा अपडेट
मुंबई-अहमदाबाद रेल कॉरिडोर पर ताजा अपडेट आया है। प्रोजेक्ट पर गुजरात में तेजी से, जबकि महाराष्ट्र में अपेक्षाकृत काम धीमा था, जिसने हाल ही में तेजी पकड़ी है। 508 किमी लंबे कॉरिडोर पर 13 नदी पुलों का निर्माण पूरा हो चुका है। कॉरिडोर में बनने वाले 12 स्टेशन में से गुजरात के 8 में से 6 पर ढांचागत काम पूरा हो चुका है, जबकि महाराष्ट्र में 4 में से तीन एलिवेटिड स्टेशन और मुंबई में अंडरग्राउंड स्टेशन पर काम जारी है। महाराष्ट्र में 156 किमी ट्रैक बन चुका है। कॉरिडोर का संचालन 2030 तक शुरू होने की उम्मीद है।
किन 12 शहरों में बनने हैं स्टेशन
महाराष्ट में मुंबई, ठाणे, विरार, बोइसर और गुजरात में वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद, अहमदाबाद और साबरमती।
प्रोजेक्ट के लिए जमीन का अधिग्रहण
मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए 100% जमीन अधिग्रहण पूरा कर लिया है। महाराष्ट्र, गुजरात और दादरा व नगर हवेली से कुल 1389.49 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है। कोरोना काल और किसानों के विरोध के चलते अधिग्रहण में देरी हुई। प्रोजेक्ट के तहत कुल 468 किलोमीटर के करीब, यानि अधिकांश रेलवे ट्रैक का हिस्सा एलिवेटिड होने के कारण जमीन अधिग्रहण की आवश्यकता कम हुई।
प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत
मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत करीब 1.08 लाख करोड़ रुपये से 1.65 लाख करोड़ रुपये के बीच बताई जा रही है। दावा किया जा रहा है कि प्रोजेक्ट के पूरा होने से करीब 8 घंटे का सफर दो घंटे में पूरा हो जाएगा। प्रोजेक्ट के लिए जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA) ने 80 फीसदी लोन दिया है। जापान से काफी मशीनरी मंगवाई जा रही है। इस हाईस्पीड रेल कॉरिडोर को भविष्य में दिल्ली तक विस्तारित करने की योजना है, जिससे राजस्थान और हरियाणा को भी लाभ होगा।