परमाणु हथियार दुनिया के सबसे खतरनाक और विनाशकारी हथियार हैं। इनसे ना सिर्फ तुरंत लाखों लोगों की जान जा सकती है, बल्कि इसके असर बहुत समय तक पूरी धरती पर महसूस होते हैं। जब परमाणु बम फटता है, तो बहुत बड़ी तबाही होती है, जिसमें ना सिर्फ लोग मारे जाते हैं बल्कि पर्यावरण, समाज और अर्थव्यवस्था पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है। अगर भारत और पाकिस्तान के खिलाफ परमाणु युद्ध हुआ तो पूरी दुनिया को इसका सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि परमाणु हथियारों का इस्तेमाल होने से क्या-क्या हो सकता है।
क्या होगा अगर न्यूक्लियर हथियार युद्ध में इस्तेमाल हो जाए
सबसे पहले परमाणु बम फटते ही क्या-क्या होगा? (Short-term effects)
अगर कोई परमाणु बम फटता है तो उसके बहुत ही भयानक और खतरनाक असर होते हैं। एक अकेला परमाणु बम किसी पूरे शहर को नष्ट कर सकता है और वहां रहने वाले ज्यादातर लोगों की जान जा सकती है। अगर कई परमाणु बम बड़े शहरों पर गिराए जाएं, तो करोड़ों लोगों की मौत हो सकती है। अगर भारत और पाकिस्तान के बीच बड़ा परमाणु युद्ध होता है, तो उसमें मरने वालों की संख्या सैकड़ों करोड़ तक पहुंच सकती है। परमाणु बम फटने के करीब 10 सेकंड के भीतर बहुत बड़ी आग की गेंद (फायरबॉल) बनती है जो अपने पूरे आकार में फैल जाती है। इस धमाके से बहुत अधिक एनर्जी निकलती है जैसे जोरदार धमाका (ब्लास्ट), तेज गर्मी (हीट) और बेहद खतरनाक रेडिएशन। जब बम फटता है तो एक बहुत तेज झटका (shockwave) पैदा होता है, जिसकी रफ्तार सैकड़ों किलोमीटर प्रति घंटा होती है। यह झटका जमीन के पास मौजूद लोगों को तुरंत मार देता है। जो लोग थोड़े दूर होते हैं, उन्हें फेफड़ों में चोट, कान के पर्दे फटना और अंदरूनी खून बहने जैसी गंभीर चोटें लगती हैं। इस धमाके से इमारतें गिरने लगती हैं और उनके मलबे या हवा में उड़ते हुए टुकड़ों से लोग घायल हो जाते हैं। इतनी तेज गर्मी निकलती है कि बम के पास की हर चीज जलकर भाप बन जाती है। जो लोग थोड़ी दूरी पर होते हैं, उन्हें गंभीर जलन होती है और पूरे इलाके में आग लग जाती है। ये आगें मिलकर एक बहुत बड़ी आग का तूफान (firestorm) बना देती हैं। यहां तक कि अगर कोई अंडरग्राउंड होकर भी छिपा जाए, तो वहां भी जीना मुश्किल हो जाता है क्योंकि ऑक्सीजन की कमी और जहरीली गैसों की वजह से दम घुट सकता है।
परमाणु बम का असर लंबे समय तक क्या होगा? (Long-term effects)
अगर कोई परमाणु बम फटता है, तो उसके प्रभाव सिर्फ तुरंत ही नहीं, बल्कि बहुत लंबे समय तक महसूस होते हैं। परमाणु विस्फोट से जो रेडिएशन (radiation) निकलती है, वह धीरे-धीरे लोगों को बीमार कर सकती है या उनकी जान भी ले सकती है। यह रेडिएशन हवा और पानी को गंदा कर देती है, जिससे पूरी दुनिया का वातावरण खराब हो जाता है। इससे लोगों को कैंसर जैसी बीमारियां हो सकती हैं और आने वाली पीढ़ियों को भी शरीर में या दिमाग में समस्या हो सकती है। अगर दुनिया के सभी परमाणु हथियारों का एक छोटा हिस्सा भी इस्तेमाल हो जाए, तो इससे पूरी दुनिया का मौसम बदल सकता है। इसके कारण भूखमरी (nuclear famine) जैसी स्थिति आ सकती है, जिसमें लगभग दो अरब लोग भूखे मर सकते हैं। अगर बहुत सारे परमाणु बम फटे, तो इससे परमाणु सर्दी (nuclear winter) आ सकती है। इस हालत में सूरज की रोशनी जमीन तक नहीं पहुंचेगी, जिससे खेती नहीं हो पाएगी और धरती की पूरी जिंदगी खत्म हो सकती है। इसके बाद डॉक्टर और बचावकर्मी भी रेडियोधर्मी इलाके में मदद नहीं कर पाएंगे, क्योंकि वहां रहना जानलेवा होगा। अगर किसी बड़े शहर में एक परमाणु बम गिरता है, तो राहत की सारी कोशिशें नाकाम हो जाएंगी और अगर परमाणु युद्ध हुआ तो दुनिया का कोई भी देश इतने बड़े संकट से नहीं बच पाएगा। इससे लाखों लोग घर छोड़कर भागेंगे और दुनिया में एक बहुत बड़ा शरणार्थी संकट (refugee crisis) पैदा होगा।
परमाणु हथियारों का पर्यावरण और समाज पर असर
परमाणु हथियारों का पर्यावरण पर बहुत बुरा असर पड़ता है। अगर परमाणु युद्ध होता है, तो इससे मौसम में बड़ा बदलाव होगा और इसके नतीजे बहुत ही खतरनाक होंगे। दुनिया में परमाणु सर्दी (nuclear winter) आ सकती है, जिसमें सूरज की रोशनी जमीन तक नहीं पहुंचेगी और फसलें पूरी तरह से नष्ट हो जाएंगी। इससे दुनिया भर में भुखमरी हो सकती है और पहले से ही बढ़ रही गर्मी (global warming) और ज्यादा बढ़ सकती है, जिससे पर्यावरण को और नुकसान होगा। परमाणु हथियारों का सामाजिक और आर्थिक असर भी बहुत बुरा होगा। सबसे ज्यादा नुकसान विकासशील देशों और गरीब लोगों को होगा। परमाणु हथियारों को बनाने, संभालने और नष्ट करने में बहुत पैसा खर्च होता है और ये पैसे ऐसे कामों में लगाए जा सकते थे जो लोगों के लिए फायदेमंद हों, जैसे स्वास्थ्य सेवाएं और green technologies जो पर्यावरण की मदद करें।