हैदराबाद के ऐतिहासिक स्मारक चारमीनार को नुकसान पहुंचा है। हैदराबाद में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इस बारिश का असर चारमीनार पर भी पड़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारी बारिश के कारण इस इमारत के एक मीनार का कुछ कलात्मक हिस्सा टूट गया।
बताया जा रहा है कि तेज हवाओं और भारी बारिश के चलते संरचना के कुछ हिस्से गिर गए और मलबा चारमीनार के ठीक नीचे स्थित भग्यलक्ष्मी मंदिर के पास आकर गिरा। इसके बाद हड़कंप मच गया। जैसे ही इसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों को मिली, वे मौके पर पहुंचे और नुकसान का आकलन शुरू किया।
2019 में भी टूटकर गिरा था हिस्सा
यह घटना शाम करीब 4:30 बजे हुई, जिससे लोग परेशान नजर आए। चारमीनार के हिस्से के गिरने की सूचना मिलने पर स्थानीय अधिकारी मौके पर पहुंचे और नुकसान का जायजा लिया। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब इस ऐतिहासिक स्मारक को मौसम से जुड़ी क्षति हुई है। 2019 में भी इस स्मारक का एक हिस्सा टूटकर गिर गया था। दरअसल, सजावटी प्लास्टर के काम से चूना-गारा का एक बड़ा हिस्सा अलग होकर गिर गया था।
भारी बारिश के के बाद चारमीनार का एक छोटा हिस्सा टूटकर गिर गया, ये हिस्सा भायीलक्ष्मी मंदिर के पास आकर गिरा!
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— Avinash Tiwari (@TaviJournalist) April 3, 2025
किसने करवाया था चारमीनार का निर्माण?
स्मारक पर चूना पत्थर के मोर्टार का प्लास्टर हैदराबाद के आखिरी निजाम मीर उस्मान अली खान द्वारा 1924 के आसपास दोबारा करवाया गया था। इस स्मारक का निर्माण 1591 में कुतुब शाही या गोलकुंडा वंश (1518-1687) के चौथे राजा मुहम्मद कुली कुतुब शाह ने करवाया था। चारमीनार को हैदराबाद की नींव के रूप में बनाया गया था, जब इसके संस्थापक ने गोलकुंडा किले से बाहर जाने का फैसला किया था।
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वहीं चारमीनार के उत्तर-पूर्वी हिस्से में एक बड़ी दरार देखी गई थी जिससे इसकी संरचनात्मक अखंडता को लेकर चिंताएं बढ़ गई थीं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने दरार का अध्ययन करने का फैसला किया, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या यह दरार चारमीनार की मजबूती के लिए खतरा है या नहीं।