India to Become Second Largest Metro Network: भारत में मेट्रो नेटवर्क तेजी से बढ़ रहा है, इसका कारण तेजी से और लगातार हो रहा शहरीकरण है। ऐसे में लोगों के बीच पब्लिक ट्रांसपोर्ट की मांग भी बढ़ती नजर आ रही है। सरकार जनता की इस जरूरत को पूरा करने के लिए देशभर में मेट्रो नेटवर्क का तेजी से एक्सपेंड कर रही है। आने वाले कुछ सालों में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बन जाएगा। बता दें कि अभी चीन दुनिया का सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क है। उम्मीद है कि जल्द ही भारत इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर होगा। आइए इसके बारे में जानते हैं।
भारत का तेजी से बढ़ रहा मेट्रो नेटवर्क
बता दें कि भारत अभी तीसरे नंबर पर है। हालांकि जिस गति से भारत अपने मेट्रो प्रोजेक्ट्स को विकसित कर रहा है, जल्द ही नेटवर्क की लिस्ट में यह दूसरा स्थान हासिल कर लेगा। कुछ साल पहले अगर हम इसके बारे में सोचते तो शायद यह एक सपना लगता। हालांकि अब भारत के कई शहरों में मेट्रो का एक्सटेंशन हुआ है। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, पुणे, नागपुर, लखनऊ और जयपुर सहित 20 से ज्यादा शहरों में मेट्रो सर्विस उपलब्ध हैं।
सरकार के अलग-अलग प्रोजेक्ट और इन्वेस्टमेंट के चलते यह नेटवर्क लगातार बढ़ रहा है। आपको बता दें कि भारत में लगभग 850 किलोमीटर से अधिक मेट्रो लाइन एक्टिव है और 1,000 किलोमीटर से अधिक की मेट्रो लाइनों पर काम चल रहा है। कुछ सालों में जब ये प्रोजेक्ट पूरे होंगे, तब भारत का मेट्रो नेटवर्क अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बन जाएगा। बता दें कि संयुक्त राज्य अमेरिका का मेट्रो नेटवर्क लगभग 1,408 किलोमीटर लम्बा है।
क्या हैं नए नए मेट्रो प्रोजेक्ट?
भारत में कई मेट्रो प्रोजेक्ट पर काम जारी है, जिनमें प्रमुख शहरों के अलावा छोटे और बड़े शहरों को भी शामिल किया जा रहा है। यहां हम इन मेट्रो प्रोजेक्ट के बारे में जानेंगे।
- दिल्ली मेट्रो के नए फेज-4 एक्सटेंशन प्रोजेक्ट के तहत 100 किलोमीटर से ज्यादा ट्रैक जोड़े जाएंगे।
- मुंबई मेट्रो के तहत मेट्रो लाइन 2A, 7, 3 और अन्य लाइनों पर तेजी से काम चल रहा है।
- बेंगलुरु मेट्रो में नई मेट्रो लाइनें जल्द ही चालू होने जा रही हैं।
- पुणे और नागपुर मेट्रो में भी मेट्रो नेटवर्क का तेजी से विकास हो रहा है।
- इंदौर, भोपाल, कानपुर और आगरा जैसे शहरों में भी मेट्रो सेवा शुरू होने वाली है।
भारत सरकार ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत मेट्रो निर्माण को बढ़ावा दे रही है। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत स्वदेशी तकनीक और रिसोर्स का उपयोग किया जा रहा है, जिससे मेट्रो निर्माण की लागत भी कम हो रही है। भारत जल्द ही दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बन सकता है। इससे न केवल ट्रैफिक जाम की समस्या कम होगी, बल्कि पर्यावरण प्रदूषण भी कम होगा और ट्रांसपोर्टेशन में भी सुधार होगा।
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