HMPV Virus in India: चीन में फैले HMPV वायरस का भारत में भी संदिग्ध मामला सामने आया है। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में इसका मामला सामने आया है। यहां एक आठ महीने की बच्ची में HMPV वायरस डिटेक्ट किया गया है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने इसकी पुष्टि नहीं की है, लेकिन एक निजी हाॅस्पिटल की रिपोर्ट आई है। बता दें कि HMPV आमतौर पर बच्चों में ही डिटेक्ट होता है। भारत में एचएमपीवी वायरस के कई मामले में पहले भी सामने आए हैं। यह पिछले दो दशकों से विश्व स्तर पर पाया जा रहा है। दिल्ली एम्स के अनुसार 2005 से 2007 के दौरान 600 में से 21 बच्चे पाॅजिटिव मिले थे। स्वास्थ्य मंत्रालय जल्द ही इसको लेकर एक विस्तृत जानकारी साझा करेगा।
इस वायरस के लक्षण आमतौर पर सामान्य सर्दी-जुकाम के समान होते हैं। सामान्य मामलों में यह खांसी, गले में खराश और नाक बहने के कारण बहता है। छोटे बच्चों और बुजुर्गों में एचएमपीवी का संक्रमण गंभीर बन सकता है। जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, उन लोगों में यह वायरस गंभीर खतरा बन सकता है। इसके अलावा इस वायरस से संक्रमित मरीजों में सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण भी दिखाई दे रहे हैं।
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वायरस को लेकर दिशा-निर्देश जारी
दिल्ली में हेल्थ सर्विस की डायरेक्टर डाॅ. वंदना बग्गा ने रविवार को मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारियों के साथ मीटिंग की। जिसमें सांस से जुड़ी बीमारियों से निपटने पर चर्चा हुई। जिसमें अस्पतालों को संक्रमण से फैलने वाली बीमारियों के मामले की जानकारी आईएचआईपी पोर्टल के जरिए देने की बात कही गई है। वहीं संदिग्ध मामलों में सख्त आइसोलेशन प्राटोकाॅल और सावधानी बरतने को कहा है।
यूएस सेंटर फाॅर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है। इसे सबसे पहले 2001 में डिटेक्ट किया गया। एक्सपर्ट की मानें तो कुछ साक्ष्यों से पता चलता है कि यह वायरस 1958 से है।
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