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हाई स्पीड 1TB डेटा, AI-वायरलेस नेटवर्क… कब लॉन्च होगी 6G सर्विस? PM मोदी ने दिया अपडेट

6G Technology: प्रधानमंत्री मोदी 6G टेक्नोलॉजी को लेकर भारत का विजन पेश किया है। इस सर्विस की लॉन्चिंग पर अपडेट दिया है। उन्होंने बताया है कि भारत साल 2030 तक दुनिया का टेक लीडर बनने के लिए तैयार है। आइए जानते हैं कि भारत किस तरह 6G टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है?

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Khushbu Goyal Updated: Aug 24, 2025 07:15
6G Technology | Internet Service | PM Modi
प्रधानमंत्री मोदी ने 6G की लॉन्चिंग के बारे में देशवासियों को बताया है।

6G Internet Service Update: भारत में 5G टेक्नोलॉजी कामयाब हो चुकी है, अब भारत ने 6G सर्विस पर काम करना शुरू कर दिया है और तेजी से इस टेक्नोलॉजी को विकसित किया जा रहा है। साल 2040 तक भारत जहां अंतरिक्ष की दुनिया का राज बनने को तैयार है, वहीं साल 2030 तक भारत दुनिया का टेक लीडर भी बन सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने यह विजन पेश किया है और भारत में 6G (छठी पीढ़ी की वायरलेस टेक्नोलॉजी) को लेकर बड़ा अपडेट दिया है।

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2025 में लॉन्च होगी सेमीकंडक्टर चिप

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि अगस्त 2024 में ‘मेड इन इंडिया’ 6जी टेक्नोलॉजी डेवलप करने की घोषणा की गई थी। इस पर तेजी से काम चल रहा है और साल 2025 के आखिर में पहली स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप लॉन्च की जाएगी। भारत 6जी तकनीक के साथ न केवल डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देगा, बल्कि वर्ल्ड टेलीकॉम सेक्टर में अग्रणी भी बन जाएगा। भारत सरकार ने मार्च 2023 में ‘भारत 6जी विजन’ प्रस्तावित किया था। सरकार का मकसद लोगों को सस्ती, टिकाऊ और इंटरनेशनल कनेक्टिविटी प्रदान करना, ताकि परस्पर संवाद और डिजिटल वर्किंग कैपेसिटी बढ़े।

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6G टेक्नोलॉजी की क्या होंगी विशेषताएं?

बता दें कि 6G टेक्नोलॉजी यूजर्स को हाई स्पीड इंटरनेट स्पीड के साथ करीब एक TB प्रति सेंकड डेटा मिलेगा। आर्टिफिशियल टेक्नोलॉजी (AI) नेटवर्क के साथ सैटेलाइट बेस्ट कनेक्टिविटी मिलेगी। हाई बैंडविड्थ और स्पीड के लिए 6G टेक्नोलॉजी में टेराहर्ट्ज (THz) स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल होगा। इस टेक्नोलॉजी के जरिए ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में भी कनेक्टिविटी पहुंचाने का टारगेट केंद्र सरकार ने निर्धारित किया है। साइबर सेफ्टी के साथ-साथ रियल-टाइम एप्लिकेशन्स, मेटावर्स, AR/VR और होलोग्राफिक कम्युनिकेश भी संभव होगा।

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टेक्नोलॉजी ऐसे की जा रही डेवलप

6G टेक्नोलॉजी पर काम करने के लिए 6G इनोवेशन ग्रुप 1 नवंबर 2021 को बनाया गया था, जिसमें इंडस्ट्री, एकेडमिक इंस्टीट्यूट्स, रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन और सरकार शामिल है। इस ग्रुप ने ही 6G टेक्नोलॉजी के लिए रोडमैप और वर्क ड्राफ्ट तैयार किया है। इस ग्रुप का मकसद 6 टास्क फोर्स मल्टी-डिसिप्लिनरी सॉल्यूशन, स्पेक्ट्रम, डिवाइस और इंटरनेशनल स्टैंडर्ड्स पर काम करना है। भारत 6G अलायंस 3 जुलाई 2023 को गठित हुआ था, जो इंडस्ट्री, एकेडमिक इंस्टीट्यूट्स, रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन का सहयोगी मंच है। यह अलायंस दुनियाभर में 6G टेक्नोलॉजी बना चुकी कंपनियों के साथ MoU साइन करना है, ताकि भारत भी अपना योगदान दे सके।

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टेक्नोलॉजी के लिए हो चुके समझौते

भारत ने अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) के IMT-2030 फ्रेमवर्क साइन किया है। 2023 में हुए G20 समिट में 6G टेक्नोलॉजी को लेकर भारत-अमेरिका समझौता और वर्ल्ड 6जी ऑर्गेनाइजेशन के साथ भी समझौता हेा चुका है। देश की सभी 6 IITs के सहयोग से 6G टेस्टबेड बनाए गए हैं, जिसके लिए 2240 मिलियन इन्वेस्ट किए गए हैं। टेलीकॉम टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड (TTDF) अक्टूबर 2022 में बनाया गया था, जिसके तहत 275.88 करोड़ रुपये में 104 प्रोजेक्ट लॉन्च किए जाएंगे। 100 5G लैब बनाई गई हैं, जो 6G की लॉन्चिंग के लिए मैनपॉवर तैयार करेंगी और रिसर्च करेंगी।

First published on: Aug 24, 2025 06:01 AM

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