सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, जस्टिस पीवी संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने सुनवाई की। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ के सामने अगले हफ्ते तक सुनवाई टालने के लिए आग्रह किया। पीठ ने उनकी मांग पर मामला 15 मई तक टाल दिया है। सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है।
इस कानून को लेकर मुस्लिम समुदाय विरोध कर रहा है। पुलिस और प्रशासन भी सुनवाई को लेकर अलर्ट मोड में थे। इससे पहले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 17 अप्रैल को सुनवाई की थी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को अपना पक्ष रखने और जवाब देने के लिए 7 दिन का समय दिया था। इसके अलावा मामले की अगली सुनवाई तक वक्फ बोर्ड में नई नियुक्तियों पर भी रोक लगा दी गई थी।
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हलफनामे में क्या था खास?
इसके बाद केंद्र सरकार ने 25 अप्रैल को हलफनामा दायर कर बताया था कि यह कानून पूरी तरह संवैधानिक है। संसद ने कानून को पास किया है, जिसके ऊपर रोक नहीं लगानी चाहिए। इसके अलावा सरकार ने दावा किया था कि 2013 के बाद से वक्फ की संपत्तियों में 20 लाख एकड़ से ज्यादा इजाफा हुआ है। कई बार सरकारी और निजी भूमि को लेकर विवाद भी सामने आ चुका है। सरकार के इन आंकड़ों को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने गलत बताया था। बोर्ड ने कहा था कि कोर्ट से झूठा हलफनामा देने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
SC to hear multiple pleas challenging Waqf Act today
•The Supreme Court is set to resume hearings Monday on a series of petitions challenging the constitutional validity of the Waqf (Amendment) Act, 2025, a contentious piece of legislation that has sparked nationwide debate and… pic.twitter.com/lU030GS4Nl
— IANS (@ians_india) May 5, 2025
वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में 5 याचिकाएं दाखिल की गई हैं। इनमें ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की याचिका भी शामिल है। याचिकाओं पर कोर्ट ने सरकार ने जवाब मांगा था और रिजॉइंडर दाखिल करने का समय भी दिया था। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में 1332 पेज का हलफनामा दायर किया था। इसमें बताया गया था कि वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन साल 1923 से ही अनिवार्य किया गया है। सरकार ने कहा था कि वक्फ (संशोधन) एक्ट 2025 मुसलमानों की धार्मिक प्रथाओं का सम्मान करता है।
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