IndiGo Airline Flight Crisis: इंडिगो एयरलाइन की फ्लाइट कैंसिल होने से गहराए संकट के बीच केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय का एक और आदेश आया है. मंत्रालय ने एयरलाइन को आदेश दिया है कि कंपनी पैसेंजर्स को अगले 48 घंटे में रिफंड दे और 48 घंटे के अंदर मिसिंग बैग तलाशकर यात्रियों के घर पहुंचाए. रविवार 8 बजे तक रिफंड के आदेश का सख्ती से पालन करने का निर्देश एयरलाइन को दिया गया है. आदेश की पालना नहीं होने पर एक्शन की चेतावनी भी है.
The Ministry of Civil Aviation has directed IndiGo to clear all pending passenger refunds without delay. The Ministry has mandated that the refund process for all cancelled or disrupted flights must be fully completed by 8:00 PM on Sunday, 7 December 2025. Airlines have also been… pic.twitter.com/e8UKc1Ndc1
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) December 6, 2025
मनमाने किराये पर भी लगाई लगाम
बता दें कि इससे पहले केंद्र सरकार ने सभी एयरलाइंस के लिए किराया सीमा लागू करते हुए एक आदेश जारी किया था. केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय ने आदेश में कहा कि सभी एयरलाइंस मुसीबत के समय का फायदा न उठाए और तय सीमा के अंदर ही टिकट का किराया निर्धारित करें, अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहें. निर्देश दिया गया है कि तय सीमा में किराया निर्धारित करने की व्यवस्था तब तक जारी रहेगी, जब तक इंडिगो पर गहराया संकट खत्म नहीं हो जाता.
#WATCH | Maharashtra | IndiGo passengers at Chhatrapati Shivaji Maharaj International Airport in Mumbai, lose their cool and get into a heated argument with the airline staff at the ticket counter, amid the nationwide IndiGo flight cancellations. pic.twitter.com/lMWqs0joNQ
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) December 6, 2025
देशभर में रद्द हुईं इंडिगो की उड़ानें
बता दें कि टेक्निकल ग्लिच, खराब मौसम, नियमों में गड़बड़ी और स्टाफ की कमी के कारण इंडिगो एयरलाइन की फ्लाइट कैंसिल हो रही हैं. पिछले 5 दिन से देशभर के एयरपोर्ट से संचालित होने वाली 2000 से ज्यादा डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट कैंसिल हो गई हैं. इस वजह से यात्री परेशान हैं और एयरपोर्ट पर ही फंसे हुए हैं. लोगों में गुस्सा और आक्रोश भी है. एयरपोर्ट पर एयरलाइन अधिकारियों की तरफ से अपडेट न मिलने पर लोग बहसबाजी कर रहे हैं.
लोगों का कहना है कि एयरलाइन की वजह से उनके कई जरूरी काम अटक गए हैं. आर्थिक नुकसान अलग से उठाना पड़ रहा है.










