अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ को लेकर दुनिया भर में मचे उथल-पुथल और बढ़ते ट्रेड वॉर के बीच केंद्र सरकार ने शुक्रवार को व्यापार मुद्दों पर व्यापारियों की सहायता के लिए एक डेडिकेटेड ‘वैश्विक टैरिफ और व्यापार हेल्प डेस्क’ शुरू की है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय टैरिफ में बदलाव, इंपोर्ट में उछाल और एक्सपोर्ट संबंधी चुनौतियों समेत वैश्विक व्यापार में हो रहे घटनाक्रमों पर पैनी नजर रख रहा है।
वाणिज्य मंत्रालय ने शुरू की हेल्प डेस्क
वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से शुक्रवार को जानकारी दी गई कि विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने व्यापारिक मुद्दों से निपटने में मदद करने के लिए वैश्विक शुल्क और व्यापार हेल्प डेस्क शुरू की है। यह डेस्क आयात और निर्यात संबंधी चुनौतियों, आयात में वृद्धि, डंपिंग, लॉजिस्टिक एवं आपूर्ति शृंखला से जुड़ी परेशानियों, वित्तीय व बैंकिंग जैसे मुद्दे को देखेगी। डेस्क केंद्र और राज्य सरकारों के अन्य मंत्रालयों, विभागों व एजेंसियों से संबंधित व्यापारिक मुद्दों को भी एकत्रित करेगी। उसके बाद समन्वय कर संभावित समाधान प्रदान करेगी।
क्या कहा मंत्रालय ने?
मंत्रालय ने कहा कि ‘उभरते व्यापार परिदृश्य और कई टैरिफ और जवाबी टैरिफ की शुरुआत को देखते हुए नए निर्यात अवसर और विशिष्ट देशों या उत्पाद क्षेत्रों से आयात का दबाव बढ़ सकता है। ऐसे बदलावों का सामना कर रहे निर्यातकों और आयातकों को अपने इनपुट साझा करने और संभावित सहायता उपायों का सुझाव देने के लिए डीजीएफटी ने ‘वैश्विक टैरिफ और व्यापार हेल्प डेस्क’ की शुरुआत की है। यह ‘हेल्प डेस्क’ आयात और निर्यात संबंधी चुनौतियों, आयात में वृद्धि या डंपिंग, एक्जिम (आयात-निर्यात) मंजूरी, लॉजिस्टिक या आपूर्ति शृंखला चुनौतियों, वित्तीय या बैंकिंग मुद्दों और नियामकीय या अनुपालन मुद्दों से संबंधित मुद्दों को देखेगी।’
‘ग्लोबल टैरिफ और ट्रेड हेल्पडेस्क’ का उपयोग कैसे करें?
निर्यात और आयात कारोबार से जुड़े कोई भी हितधारक डीजीएफटी की वेबसाइट पर जानकारी पेश कर सकते हैं और अपने उन मुद्दों से संबंधित जानकारी प्रस्तुत कर सकते हैं, जिन पर सहयोग की आवश्यकता है। हेल्पडेस्क का उपयोग निम्नलिखित चरणों का पालन करके किया जा सकता है:-
- सबसे पहले डीजीएफटी वेबसाइट https://dgft.gov.in पर लॉगिन करें। इसके बाद सर्विसेज ऑप्शन पर क्लिक करें। फिर आपको डीजीएफटी हेल्प डेस्क सेवा का ऑप्शन दिखेगा।
न्यू रिक्वेस्ट क्रिएट करें और श्रेणी के रूप में ‘वैश्विक टैरिफ और व्यापार एवं मुद्दे’ को सेलेक्ट करें। - उपयुक्त उप-श्रेणी (आयात चुनौतियां, निर्यात चुनौतियां, आयात में उछाल या डंपिंग, एक्जिम निकासी, रसद या आपूर्ति श्रृंखला चुनौतियां, विनियामक और अनुपालन मुद्दे, और अन्य मुद्दे और सुझाव) चुनें, मांगे जा रहे अन्य विवरण दर्ज करें और सबमिट बटन पर क्लिक करें।
- वैकल्पिक तौर पर मुद्दों को ईमेल आईडी: dgftedi[at]nic[dot]in पर विषय शीर्षक: ‘ग्लोबल टैरिफ और ट्रेड हेल्प डेस्क’ के साथ भी भेजा जा सकता है। साथ ही टोल-फ्री नंबर 1800-111-550 पर कॉल किया जा सकता है।
- डीजीएफटी हेल्प डेस्क सेवाओं के तहत स्टेटस ट्रैकर का उपयोग करके समाधान और फीडबैक की स्थिति को ट्रैक किया जा सकता है। इन टिकटों की स्थिति अपडेट होने पर ईमेल और एसएमएस भी भेजे जाएंगे।
भारत को 90 दिनों की राहत
बता दें कि अमेरिका ने अपने ज्यादातर व्यापारिक साझेदारों पर 10 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया है, जबकि चीन पर 145 प्रतिशत शुल्क लगाया गया है। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध छिड़ गया है। वहीं, भारत पर अमेरिका ने 26 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जिसे 90 दिनों के लिए रोक दिया गया है।