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‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर JPC बैठक में पूर्व CJI ने रखे सुझाव, नए बिल में EC को दी शक्तियों पर उठे सवाल!

One Nation-One Election Bill: 129वें संशोधन बिल एक देश-एक चुनाव को लेकर देश की संसद में शुक्रवार को जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) की 5वीं बैठक हुई। इसमें पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जगदीश सिंह खेहर कमेटी के सामने सुझाव दिए। पढ़िए क्यों बिल को कानून बनने के बाद चुनाव आयोग पर शिकंजा कसने का सुझाव दिया गया।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Jul 11, 2025 17:38

One Nation-One Election Bill: बिहार चुनाव से पहले वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर चुनाव आयोग पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। शुक्रवार को संसद में भी चुनाव आयोग चर्चा का विषय रहा। दरअसल, संसद में संविधान में 129वें संशोधन बिल यानी एक देश-एक चुनाव बिल पर जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) की बैठक हुई।पूर्व केंद्रीय मंत्री पीपी चौधरी कमेटी के अध्यक्ष हैं। इसके अलावा कमेटी में 39 सदस्य हैं।

शुक्रवार को बैठक में पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जगदीश सिंह खेहर ने कमेटी के सामने सुझाव दिए। अभी तक इस JPC कमेटी की 4 बैठकें हो चुकीं हैं। बैठक में कानून विदों ने कहा कि नए बिल में चुनाव आयोग को प्रस्तावित अतिरिक्त शक्तियों पर पुनर्विचार और संसद द्वारा ओवरसाइट की व्यवस्था जरूरी हो। साथ ही बिल में साफ हो कि चुनाव आयोग को विधानसभाओं का कार्यकाल बढ़ाने या घटाने की शक्ति किन परिस्थितियों में मिलेगी? समिति के चेयरमैन पीपी चौधरी ने कहा कि इस चर्चा का उद्देश्य सभी पक्षों की राय समझना और विधेयक को परफेक्ट बनाना है।

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चुनाव आयोग पर हो सकते हैं ये शिकंजे

सूत्रों के अनुसार, बैठक में वरिष्ठ कानून विदों ने नए बिल में चुनाव आयोग को मिलने वाली अतिरिक्त शक्तियों पर गहन समीक्षा और संसद की निगरानी को जरूरी बताया है। उदाहरण देते हुए सुझाव दिया गया कि अगर किसी कारणवश लोकसभा के साथ किसी राज्य का चुनाव नहीं होता है, तो उस स्थिति में चुनाव कब तक कराना अनिवार्य होगा, यह कानून में स्पष्ट होना चाहिए। ये फैसला चुनाव आयोग की मर्जी पर नहीं छोड़ा जा सकता। साथ ही चुनाव में देरी के मामलों में केवल चुनाव आयोग का फैसला न हो, बल्कि संसद की भी निगरानी और अधिकार सुनिश्चित हों।

अब आगे क्या होगा?

एक देश-एक चुनाव के लिए संसद में पेश हुए 129वें संविधान संशोधन बिल पर जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) की अभी और भी बैठक होंगी। उसके बाद समिति अपनी रिपोर्ट तैयार कर संसद के समक्ष रखेगी। वह देश में एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे पर आगे की दिशा तय करेगा।

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दोनों सदनों के 39 सदस्य हैं कमेटी के मेंबर

JPC में लोकसभा से पीपी चौधरी, सुखदेव भगत, डॉ. सीएम रमेश, धर्मेंद्र यादव, बांसुरी स्वराज, छोटेलाल, परषोत्तमभाई रूपाला,कल्याण बनर्जी, अनुराग सिंह ठाकुर, टीएम सेल्वगणपति, विष्णु दयाल राम, जीएम हरिष बालयोगी,भरतृहरि महताब, अनिल यशवंत देसाई, डॉ. संबित पात्रा, सुप्रिया सुले, अनिल बलूनी, डॉ. श्रीकांत एकनाथ शिंदे, विष्णु दत्त शर्मा, बैजयंत पांडा, शंभवी,संजय जायसवाल,प्रियंका गांधी वाड्रा, मनीष तिवारी, के राधाकृष्णन, चंदन चौहान और बालशवोरी वल्लभनेनी शामिल हैं। वहीं राज्यसभा से घनश्याम तिवारी, मुकुल वासनिक, भुवनेश्वर कलिता, साकेत गोखले, के लक्ष्मण, पी विल्सन, कविता पाटीदार, संजय सिंह, संजय कुमार झा, मानस रंजन मनग्रास, रणदीप सिंह सुरजेवाला और वी विजय साईरेड्डी शामिल हैं।

First published on: Jul 11, 2025 05:38 PM

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