नौकरी बदलने पर अब अपने पीएफ (Provident Fund) खाते को ट्रांसफर करना अब पहले से कहीं ज्यादा सरल कर दिया गया है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने पीएफ ट्रांसफर के प्रोसेस को सरल बनाते हुए अब ज्यादातर मामलों में नियोक्ता (employer) की मंजूरी की जरूरत को खत्म करने का ऐलान किया है। दरअसल, पुरानी प्रक्रिया में काफी समय लगता था, जिसके समाधान के लिए ही यह फैसला लिया गया है। जानिए यह कैसे खाता धारकों के लिए फायदेमंद साबित होगा?
क्या है नया बदलाव?
EPFO के तहत पहले तक ये रूल था कि अगर कोई कर्मचारी अपनी नौकरी बदलता था, तो उसके PF अकाउंट को पुराने (Source) और नए को ईपीएफ ऑफिस में जाकर ट्रांसफर कराना होता था। इस प्रक्रिया में काफी समय लगता था, क्योंकि मंजूरी के कई चरण पूरे करने होते थे, लेकिन अब EPFO ने Form 13 की नई सॉफ्टवेयर सर्विस शुरू की है, जिससे जैसे ही ऑफिस में ट्रांसफर क्लेम पास होगा, वैसे ही आपका पैसा नए PF खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। इससे प्रक्रिया में लगने वाला समय भी कम हो जाएगा।
ये भी पढ़ें: पहलगाम का बदला कैसे लेगी Indian Army? क्या हो सकता है भारतीय सेना का Revenge प्लान
बदलाव से और क्या फायदे?
इस बदलाव से अब बहुत से मामलों में नियोक्ता की मंजूरी नहीं लेनी होगी, जिससे PF ट्रांसफर जल्दी और आसान होगा। इसके अलावा, टैक्सेबल और नॉन टैक्सेबल हिस्से की अलग जानकारी मिलेगी, जिससे TDS सही से काटा जा सकेगा। वहीं, इस प्रक्रिया से 1.25 करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों को सीधा फायदा मिलने वाला है। इसके अलावा, EPFO ने यह भी जानकारी दी कि UAN (Universal Account Number) का बल्क जनरेशन (bulk generation-बहुत सारे कर्मचारियों के UAN एक साथ बनाना) किया जा सकेगा, जिसमें आधार नंबर की भी जरूरत नहीं होगी।
हालांकि, सुरक्षा के लिए ऐसे UAN शुरू में फ्रोजन रहेंगे और आधार लिंक होने के बाद ही एक्टिव किए जाएंगे। इसके पहले तक हर कर्मचारी के लिए अलग-अलग UAN बनाना पड़ता था, जिसमें बहुत समय लगता था।
कैसे करें खाता ट्रांसफर?
अगर आप भी घर बैठे PF खाता ट्रांसफर करना चाहते हैं, तो सबसे पहले EPFO के यूनिफाइड मेंबर पोर्टल पर लॉग इन करें। यहां पर ‘ऑनलाइन सर्विसेज’ पर जाकर ‘वन मेंबर-वन ईपीएफ अकाउंट (ट्रांसफर रिक्वेस्ट)’ पर क्लिक कर दें। मांगी गई जानकारी भर दें। फॉर्म को वेरिफाई करने के बाद OTP मिलेगा। उसको डालने के बाद सबमिट कर दें। इसके बाद ट्रांसफर रिक्वेस्ट को वेरिफाई और ऑथराइज किया जाएगा। इस प्रोसेस के बाद पीएफ बैलेंस ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
ये भी पढ़ें: UPI ID भी अपनों से कर सकेंगे शेयर, क्या है यूपीआई सर्किल, जिससे होगा ये आसान