लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के वोट चोरी करने के दावे के बाद से चुनाव आयोग का पारा हाई है। चुनाव आयोग ने एक बार फिर राहुल गांधी पर सख्ती दिखाई है। आयोग ने कहा है कि अगर राहुल वोट चोरी के दावे को सही मानते हैं तो हलफनामे पर साइन करके दें। अगर उन्हें अपने दावों पर भरोसा नहीं है तो देश से माफी मांगें। आयोग ने आगे कहा कि नेता प्रतिपक्ष पर शपथपत्र पर साइन करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
चुनाव आयोग ने आरोपों को नकारा
शनिवार को एक बार फिर चुनाव आयोग ने अधिकारिक बयान जारी किया है। चुनाव आयोग ने साफ कहा है कि राहुल गांधी द्वारा लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। उन्हें लगता है कि उनके आरोपों में सच्चाई है तो हलफनामे पर साइन करके दें। अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो पूरे देश से माफी मांगे। राहुल गांधी के ये आरोप सरासर गलत हैं। बता दें कि 7 अगस्त को राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर वोट चोरी करने का आरोप लगाया था।
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महाराष्ट्र और कर्नाटक को लेकर भी घेरा
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को महाराष्ट्र और कर्नाटक को लेकर भी घेरा है। चुनाव आयोग ने कहा कि महाराष्ट्र और कर्नाटक में हुए चुनावों को लेकर भी राहुल गांधी ने बेतुका बयान दिन है। राहुल ने वहां के मुख्य चुनाव अधिकारियों पर सवाल खड़े किए हैं। आयोग ने उन्हें माफी मांगने के लिए कहा था, लेकिन वे इसके लिए तैयार नहीं हो रहे हैं। राहुल या तो आरोपों को सिद्ध करे या फिर माफी मांगें।
कांग्रेस पार्टी घोटालों में लिप्त
BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अपनी चुनावी असफलताओं का ठीकरा किसी और पर फोड़ने की आदत है। कांग्रेस पार्टी घोटालों में लिप्त है। वे चुनाव हारते हैं। जब वे चुनाव हारते हैं, तो उन्हें किसी न किसी को दोष देना ही पड़ता है; कभी वे ईवीएम को दोष देते हैं। कभी वीवीपैट को। कभी भारत के चुनाव आयोग को। कभी वे जनता को गाली देते हैं और बिना तथ्यों के झूठे आरोप लगाते हैं।
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सबूत देने से इनकार करना, गलत बात
गौरव भाटिया ने आगे कहा,’राहुल गांधी जी, अगर आप कानूनी उपाय चाहते हैं, तो मैं आपको याद दिला दूं कि हमारा देश भारत के संविधान से चलता है, और शिकायत दर्ज करने की कुछ प्रक्रियाएं हैं। आपको औपचारिक शिकायत दर्ज करनी होगी। तीसरी बात, जब आप मीडिया में बेबुनियाद आरोप लगाते हैं, और उसके बाद कोई भी संवैधानिक संस्था आपसे सबूत मांगती है, तो आप सबूत देने से इनकार कर देते हैं। ये तो गलत बात है।