मणिपुर की राजनीति में एक बार फिर तेजी से बदलने के संकेत मिल रहे है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने राज्य में स्थिर सरकार बनाने की कोशिशों को आगे बढ़ाने के लिए अपने सभी 37 विधायकों को 14 दिसंबर को नई दिल्ली बुलाया है. इस कदम को राज्य में लंबे समय से चले आ रहे राजनीतिक गतिरोध और राष्ट्रपति शासन की अवधि को खत्म करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि यह बैठक मणिपुर में सरकार गठन से संबंधित महत्वपूर्ण चर्चाओं के लिए है.
मणिपुर विधानसभा में बीजेपी के पास 60 सदस्यीय सदन में 37 विधायक हैं, जिससे वह विधानसभा में मजबूत स्थिति रखती है, लेकिन किसी भी सरकार के गठन के लिए अन्य सहयोगियों की भी भूमिका अहम मानी जाती है.
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राज्य में राजनीतिक अस्थिरता की पृष्ठभूमि में यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है. मणिपुर में मई 2023 से जातीय हिंसा और राजनीतिक संकट के चलते राष्ट्रपति शासन लागू है और पिछले साल फरवरी में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफ़ा सौंप दिया था. विधानसभा भी सस्पेंड ऐनिमेशन के तहत है और सरकार गठन की प्रक्रिया रुकी हुई थी.
दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व के साथ विधायकों की यह बैठक संभावित गठबंधन पर बातचीत, मुख्यमंत्री पद के दावों तथा नीतिगत एजेंडों पर चर्चाओं का मंच हो सकती है. राजनीतिक गलियारों में यह कयास लगाया जा रहा है कि बैठक के बाद मणिपुर में जल्द ही सरकार गठन की प्रक्रिया देखने को मिल सकता है.
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