Earthquake inside story: थाईलैंड और म्यांमार की तरह ऐसा नहीं है कि सारे भूकंप खतरनाक होते हैं और उनकी वजह से भारी नुकसान होता है, बल्कि ये भूकंप के रिएक्टर स्केल पर डिपेंड करता है कि भूकंप की तीव्रता कितनी है। रिएक्टर स्केल के मुताबिक 2.0 की तीव्रता से कम वाले भूकंप के झटकों की संख्या रोजाना लगभग आठ हजार होती है, जो इंसान को महसूस ही नहीं होत, वहीं, 2.0 से लेकर 2.9 की तीव्रता वाले लगभग एक हजार झटके रोजाना दर्ज किए जाते हैं, लेकिन आम तौर पर ये भी महसूस नहीं होते। रिएक्टर स्केल पर 3.0 से लेकर 3.9 की तीव्रता वाले भूकंपीय झटके साल में लगभग 49 हजार बार दर्ज किए जाते हैं, जो अक्सर महसूस नहीं होते, लेकिन कभी-कभार ये नुकसान कर देते हैं।
अगर भूकंप रिएक्टर स्केल पर 4.0 से 4.9 की तीव्रता वाला है..तो इससे थरथराहट महसूस होती है। कई बार नुकसान भी हो जाता है। इस रिएक्टर स्केल के भूकंप साल में लगभग 6200 बार दर्ज किए जाते हैं। 5.0 से 5.9 तक का भूकंप कमजोर मकानों को जबर्दस्त नुकसान पहुंचाता है, जो साल में लगभग 800 बार महसूस होता है।
रिएक्टर स्केल पर 6.0 से 6.9 तक की तीव्रता वाले भूकंप साल में करीब 120 बार दर्ज किये जाते हैं..और ये 160 किलोमीटर तक के दायरे में काफी घातक साबित हो सकते हैं। 7.0 से लेकर 7.9 तक की तीव्रता का भूकंप एक बड़े इलाके में भारी तबाही मचा सकता है और जो एक साल में लगभग 18 बार दर्ज किया जाता है।
रिएक्टर स्केल पर 8.0 से लेकर 8.9 तक की तीव्रता वाला भूकंपीय झटका सैकड़ों किलोमीटर के इलाके में भीषण तबाही मचा सकता है, जो साल में कभी कभार महसूस होता है। जबकि 9.0 से लेकर 9.9 तक के पैमाने का भूकंप हजारों किलोमीटर के क्षेत्र में तबाही मचा सकता है, जो 20 साल में लगभग एक बार आता है।
भूकंप आने की सबसे बड़ी वजह क्या?
भूकंप की वजह बनती हैं धरती की प्लेट जो आपस में टकराती हैं। पूरी धरती 12 टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है। इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है। ये प्लेटें इसी लावे पर तैर रही हैं और इनके टकराने से ऊर्जा निकलती है जिसे भूकंप कहते हैं। सवाल ये भी कि धरती की प्लेट्स क्यों टकराती हैं? दरअसल ये प्लेंटे बेहद धीरे-धीरे घूमती रहती हैं, जिससे ये हर साल 4-5 मिमी अपने स्थान से खिसक जाती हैं। कोई प्लेट दूसरी प्लेट के निकट जाती है तो कोई दूर हो जाती है। ऐसे में कभी-कभी ये टकरा भी जाती हैं। जिस वजह से आता है भूकंप।