China US Russia India Update: डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद से न सिर्फ अमेरिका बल्कि दुनिया भर के समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। ट्रंप ने रूस की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। IMF, UN, NATO और वर्ल्ड बैंक से अमेरिका को बाहर निकालने का संकेत देकर ट्रंप ने चीन को भी खुशखबरी दी है। ऐसे में अगर ट्रंप और पुतिन दोस्त बनते हैं तो यह यूक्रेन के लिए सबसे बुरी खबर होगी। इससे दुनिया भर की शेयर मार्किट भी प्रभावित होंगी। आइए 5 पॉइंट्स में समझतें हैं पूरी कहानी।
1. चीन ने क्यों खोला US के खिलाफ मोर्चा?
राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने 3 देशों पर टैरिफ का ऐलान किया है। अमेरिका ने कनाडा-मैक्सिको पर 25-25 प्रतिशत और चीन पर 10 प्रतिशत का टैरिफ लगाया है। अब चीन ने भी अमेरिका पर टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है। चीन का कहना है कि वो ये ट्रेड वॉर अंत तक लड़ेंगे। यूरोपीय यूनियन ने भी ट्रंप के इस फैसले की आलोचना की है।
यह भी पढ़ें- ‘थैंक यू’ मस्क, टैरिफ और गोल्ड कार्ड वीजा; पहले भाषण में ट्रंप ने क्या कहा? 12 Points
2. रूस और ट्रंप की दोस्ती से खत्म होगा यूक्रेन?
अमेरिका में ट्रंप और जेलेंस्की की मुलाकात के चर्चे पूरी दुनिया में सुनने को मिले थे। बीते दिन ट्रंप ने यूक्रेन की मिलिट्री ऐड बंद कर दी है। वहीं अब यूक्रेन भी शांति समझौते पर बात करने के लिए तैयार है। रूस ने भी ट्रंप का समर्थन किया है। वहीं रूस ने अमेरिका की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाते हुए ईरान न्यूक्लियर डील में मध्यस्ता की पेशकश की है। वहीं अगर ट्रंप NATO से बाहर होंगे, तो EU अकेले यूक्रेन की मदद नहीं कर सकेगा।
3. शेयर मार्किट पर क्या असर पड़ेगा?
ट्रंप के फैसलों, टैरिफ और ट्रेड वॉर का असर दुनिया भर की शेयर बाजारों पर भी देखने को मिल रहा है। भारत भी इससे परे नहीं है। कई सारे विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसे निकाल रहे हैं। इससे कर्ज और बेरोजगारी में भी इजाफा देखने को मिल रहा है। भारतीय शेयर बाजार से 94 लाख करोड़ रुपए निकल चुके हैं।
“We are going to renew the unlimited promise of the American Dream. And every single day, we are going to stand up, and FIGHT, FIGHT, FIGHT for the country Americans believe in, and for the country our people deserve.” – President Donald J. Trump pic.twitter.com/LxNs5NWwVV
— President Donald J. Trump (@POTUS) March 5, 2025
4. आम लोगों की नौकरियों को क्या खतरा है?
शेयर बाजार में तंगी और वैश्विक अर्थव्यवस्था के कारण कई कंपनियां घाटे में जा रही हैं। ऐसे में कंपनियों ने बिना नोटिस दिए कर्मचारियों को निकालना शुरू कर दिया है। ओला, फ्लिपकार्ट, मेटा, गूगल और माइक्रोचिप टेक्नोलॉजी जैसी कंपनियां इसका ताजा उदाहरण हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो दुनिया की 100 बड़ी कंपनियां भी कर्मचारियों को निकालने की तैयारी कर रही हैं।
5. क्या Europe समेत अन्य देश कुछ कर पाएंगे?
डोनाल्ड ट्रंप सभी वैश्विक संगठनों से बाहर निकलने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में क्या यूरोप समेत अन्य देश अमेरिका की कमी पूरी कर सकेंगे? EU ने यूक्रेन की मदद के लिए 50 बिलियन डॉलर का पैकेज देने का ऐलान किया है। मगर अमेरिका पहले से ही यूक्रेन को 100 बिलियन डॉलर का पैकेज दे रहा था। जर्मनी से रक्षा मंत्री का भी कहना है कि यूरोप अमेरिका की कमी पूरी नहीं कर सकता है। EU ने मिलकर 158 बिलियन डॉलर का डिफेंस फंड बनाने का फैसला किया है। मगर अमेरिका के बाहर निकलने से NATO खुद कमजोर हो जाएगा।
यह भी पढ़ें- डोनाल्ड ट्रंप का पहले भाषण में भारत को तगड़ा झटका, 2 अप्रैल से वसूलेंगे 100% टैरिफ