नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को दिल्ली में डीजीपी-आईजीपी के वार्षिक सम्मेलन की अध्यक्षता की। इस सम्मेलन का उद्देश्य मजबूत आंतरिक सुरक्षा के लिए भविष्य का रोडमैप तैयार कर गैंगस्टर-आतंकवादी गठजोड़ के साथ-साथ साइबर सुरक्षा सहित अन्य प्रमुख मुद्दों पर कार्रवाई करना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लेंगे भाग
इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम दिल्ली के पूसा संस्थान में शुरू हुआ। देशभर के पुलिस बलों के साथ-साथ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार और रविवार को गृह मंत्री की उपस्थिति में कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे।
खुफिया एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों ने भी लिया हिस्सा
बैठक में सभी खुफिया एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया, जिसमें सीमा पर ड्रोन खतरे, जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और नक्सल समस्या सहित साइबर सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा हुई। 2014 में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने के बाद से राष्ट्रीय राजधानी के बाहर सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया गया था। यह सम्मेलन पहली बार दिल्ली में हो रहा है।
Prime Minister Narendra Modi will attend the All India Conference of Director Generals/ Inspector Generals of Police 2022 at the National Agricultural Science Complex, PUSA, New Delhi on 21-22 January: Prime Minister's Office pic.twitter.com/t111oGJz2Y
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) January 20, 2023
एम्स जैसे प्रमुख संस्थानों में साइबर हमलों को रोकना भी उद्देश्य
इसी तरह के सम्मेलन पिछले वर्षों में गुवाहाटी, कच्छ के रण (गुजरात), हैदराबाद, टेकनपुर, केवडिया (गुजरात), पुणे और लखनऊ में आयोजित किए गए थे। बैठक में चर्चा के हिस्से के रूप में भविष्य के रोडमैप के बारे में पता चला है, जिसका उद्देश्य एम्स जैसे प्रमुख संस्थानों में साइबर हमलों को रोकना भी होगा।
गैंगस्टरों और आतंकवादी गठजोड़ के खिलाफ विशेष कार्य योजना
इसके अलावा कट्टरवाद, क्रिप्टोकरंसी का गलत इस्तेमाल, डार्क वेब के जरिए तस्करी, पूर्वोत्तर में चरमपंथी समस्याएं और सीमा प्रबंधन समेत कई अन्य मुद्दे चर्चा का हिस्सा होंगे। ड्रग सौदों को रोकने और नार्को-आतंकवाद पर नकेल कसने की योजना भी बनाई जाएगी। तटीय सुरक्षा भी तीन दिवसीय बैठक के एजेंडे में होगी जिसमें गैंगस्टरों और आतंकवादी गठजोड़ के खिलाफ विशेष कार्य योजना पर चर्चा होने की उम्मीद है। पिछले कुछ वर्षों में सम्मेलन के स्वरूप में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं, जिसमें विभिन्न कोर समूहों में पुलिस अधिकारी शामिल हैं, जो सम्मेलन से पहले प्रमुख आंतरिक सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा करते हैं।
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