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दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, किसी भी विचार को काॅपीराइट के दायरे में नहीं लाया जा सकता

Delhi High Court Decision On Copyright: दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि कहानी सुनाने वाले मंच ह्यूमन्स ऑफ बाॅम्बे और पीपल ऑफ इंडिया एक-दूसरे के काॅपीराइट किए गए काम उपयोग नहीं कर सकते हैं।

Edited By : Rakesh Choudhary | Updated: Oct 12, 2023 08:10
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Delhi High Court Decision On Copyright
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Delhi High Court Decision On Copyright: दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि कहानी सुनाने वाले मंच ह्यूमन्स ऑफ बाॅम्बे और पीपल ऑफ इंडिया एक-दूसरे के काॅपीराइट किए गए काम उपयोग नहीं कर सकते हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि किसी भी मंच पर भेजी गई किसी व्यक्ति की निजी तस्वीरों के लिए काॅपीराइट का दावा नहीं किया जा सकता है। न्यायाधीश प्रथिबा एम सिंह ने ह्यूमन्स ऑफ बाॅम्बे द्वारा भारत के लोगों के खिलाफ इसकी सामग्री के काॅपीराइट उल्लंघन का आरोप लगाते हुए दायर मुकदमे पर फैसला सुनाया।

यह थी याचिका

हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया कि पोर्टल पीपल ऑफ इंडिया में ह्यूमन्स ऑफ बाॅम्बे के समान ही कंटेट था और बड़ी संख्या में वीडियो और सामग्री को इसके सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म पर शेयर किया गया था। ह्यूमन्स ऑफ बाॅम्बे का आरोप था कि पीपल्स ऑफ इंडिया के लोगों ने कहानियों समेत उसके पूरे कंटेट को पूरी तरह काॅपी किया था।

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ह्यूमन्स ऑफ बाॅम्बे खुद नकल करता है

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ह्यूमन्स ऑफ बाॅम्बे कोई अनोखा मंच नहीं है और एक समान विचार वाले अनेक मंच पहले से ही इस देश में चल रहे हैं। अपनी दलीलों में पीपल्स ऑफ इंडिया ने कहा कि ह्यूमन्स ऑफ बाॅम्बे ह्यूमन्स ऑफ न्यूयाॅर्क प्लेटफार्म की काॅपी करते हैं जो कि 2010 में शुरू हुआ था। इस प्रकार ह्यूमन्स ऑफ बाॅम्बे इस मामले को नहीं उठा सकता। ह्यूमन्स ऑफ बाॅम्बे ने कहा कि उन्हे पीपल्स ऑफ इंडिया से कोई तकलीफ नहीं है जब तक की वह उसकी कहानियों को काॅपी नहीं करता है।

कोई भी विचार काॅपीराइट नहीं है

मामले पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि किसी भी विचार को काॅपीराइट के दायरे में नहीं लाया जा सकता है। यदि विचार की अभिव्यक्ति की नकल की जाती है तो यह काॅपीराइट का उल्लंघन माना जाएगा। अदालत ने कहा कि कहानी कहने वाले मंच को चलाने में कोई एकाधिकार नहीं हो सकता है। प्लेटफाॅर्मों को अपनी कहानियों को लोगों तक पहुंचाने के लिए अपनी रचनात्मक अभिव्यक्ति प्रस्तुत करनी चाहिए।

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Written By

Rakesh Choudhary

First published on: Oct 12, 2023 08:10 AM

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