दिल्ली में लाल किला के पास कार ब्लास्ट में दिल्ली पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। घटनास्थल से पुलिस ने 9 MM के कारतूस बरामद हुए हैं। इसमें 2 जिंदा और 1 खाली कारतूस है। हैरानी की बात है कि यह कारतूस आम लोगों के प्रयोग के लिए बैन हैं। इससे साफ है कि ये कारतूस आतंकी डॉ. उमर के पास ही होंगे।
इसके अलावा दिल्ली ब्लास्ट कनेक्शन में NIA लगातार कार्रवाई कर रही है। दिल्ली ब्लास्ट मामले में किशनगंज से सटे पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले के दालकोला निवासी डॉ. जानिसार आलम उर्फ जिगर को NIA ने हिरासत में लिया है। डॉ. जानिसार को किशनगंज में उसके एक रिश्तेदार के घर से पकड़ा गया। वह अल-फलाह यूनिवर्सिटी से MBBS की पढ़ाई कर चुका है और लुधियाना में प्रैक्टिस करता था। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली बम धमाकों में शामिल एक डॉक्टर से उसकी चैटिंग लगातार हो रही थी। डॉ. जानिसार 12 नवंबर को किशनगंज आया था। NIA उसे पूछताछ के लिए सिलीगुड़ी लेकर गई है।
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एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कारतूस बरामद होने के बावजूद घटनास्थल पर कोई पिस्तौल या उसका कोई हिस्सा नहीं मिला। पुलिस ने कहा कि ये कारतूस आमतौर पर केवल सशस्त्र बलों या विशेष अनुमति प्राप्त लोगों के पास ही होते हैं।
घटनास्थल पर कोई पिस्तौल या उसका कोई हिस्सा नहीं मिला। मतलब कारतूस तो मिले, लेकिन गोली चलाने में इस्तेमाल किया गया हथियार अभी तक नहीं मिला है। अधिकारी ने कहा कि वे अब यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि ये कारतूस वहां कैसे पहुंचे, क्या ये संदिग्ध के पास थे।
9 मिमी कारतूसों की बरामदगी से चल रही जांच में अधिकारी गोला-बारूद के सोर्स और किसी आतंकी या आपराधिक नेटवर्क से जुड़े होने की जांच कर रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने सीसीटीवी फुटेज की जांच की और विस्फोट स्थल से फोरेंसिक सबूत जुटाए हैं।
बता दें कि 10 नवंबर को राजधानी में लाल किला परिसर के पास हुए विस्फोट में 12 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि एक दिन पहले दिल्ली पुलिस ने लाल किला विस्फोट की जांच में आपराधिक साजिश की धाराओं के तहत एक नई प्राथमिकी दर्ज की थी।
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