बेंगलुरु: मेट्रोपोलिटन सिटीज में मेट्रो ट्रेन लोगों की सुविधा के लिए चलाई गई हैं और इनमें कैमरे लगाना भी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन की मजबूरी है, क्योंकि सफर कर रहे लोगों की आन-बान और शान में कोई खलल न पड़े। बावजूद इसके कुछ गैरसामाजिक तत्व सार्वजनिक जगहों पर आपराधिक वारदातों को अंजाम देने से बाज नहीं आते। हाल ही में कर्नाटक के राजधानी नगर बेंगलुरु में ऐसी एक घटना सामने आई है। यहां दो लड़कों ने मेट्रो कोच में लगे सीसीटीवी कैमरों को कवर कर दिया। फिलहाल पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार किया और जुर्माना वसूलने के बाद चेतावनी देते हुए छोड़ दिया। खास बात यह है कि दोनों आरोपी 10ीं क्लास के स्टूडेंट बताए जा रहे हैं।
9 नवंबर को बेंगलुरु मेट्रो की ग्रीन लाइन पर घटी घटना
घटना 9 नवंबर को ग्रीन लाइन पर नम्मा मेट्रो ट्रेन में अंजाम दी गई है। न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार कोच के दरवाजे के पास खड़े दो लड़कों में से एक ने जेब से स्टिकर निकाला और दरवाजे के पास लगे एक कैमरे पर चिपका दिया। दूसरे लड़के ने भी उसकी मदद की। ट्रेन के सीसीटीवी कैमरे बंद करने के लिए मेट्रो एक्ट के तहत दोनों पर कार्रवाई की गई है। बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BMRCL) के सूत्रों के मुताबिक बेंगलुरु मेट्रो ट्रेन में इस तरह का यह पहला मामला सामने आया है।
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घटना के अगले दिन एक काबू, दूसरा फरार
BMRCL के अधिकारी ने बताया कि मेट्रो ट्रेन के हर कोच में चार सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और उन सभी को ट्रेन ऑपरेटर्स (TO) के केबिन से मॉनिटर किया जाता है। एक सतर्क ट्रेन ऑपरेटर ने देखा कि एक कैमरा छवियों को कैप्चर नहीं कर रहा था कि अगले स्टेशन पर क्या हो रहा है। पता चला कि कैमरे पर स्टीकर लगाया गया है। उसे हटाने के बाद इसकी और कोच में लगे दूसरे कैमरों की फीड उसी शाम कॉर्पोरेशन की सिक्योरिटी टीम को भेज दी गई। यूनिफॉर्म के आधार पर स्कूल की पहचान की गई। अगले दिन जब जयनगर में एक छात्र ट्रेन में चढ़ा तो उसे स्टेशन नियंत्रक कक्ष में ले जाया गया। उसके परिवार और स्कूल को घटना से अवगत कराया गया। उधर, पता चला कि घटना में शामिल दूसरा लड़का कहीं बाहर चला गया है।
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मेट्रो एक्ट की धारा 59 के तहत हुई कार्रवाई
पहचान होने के बाद अधिकारियों ने दोनों के खिलाफ मेट्रो एक्ट की धारा 59 के तहत मामला दर्ज किया। मेट्रो अधिकारियों ने लड़के पर 500 रुपए का जुर्माना लगाया और चेतावनी देकर छोड़ दिया। इस कानून के अनुसार जो कोई भी जान-बूझकर परेशानी पैदा करता है, संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है या अभद्र व्यवहार करता है और बिना किसी वैध कारण के अन्य यात्रियों को परेशान करता है तो उसे 500 रुपए तक का जुर्माना देना होगा। अपना टिकट खोना होगा और वाहन से बाहर निकाल दिया जाएगा।