जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा देने के बाद से राजनीति में हलचल मच गई थी। इसके बाद से उपराष्ट्रपति चुनाव में आम लोगों की भी दिलचस्पी जाग गई थी। तभी से लोग नए उपराष्ट्रपति का इंतजार कर रहे थे। कई दिनों से जारी इंतजार खत्म हो गया है। भारत को अपना 15वां उपराष्ट्रपति मिल गया है। NDA के सीपी राधाकृष्णन ने जीत हासिल की है। वहीं यूपीए के सुदर्शन रेड्डी को हार का सामना करना पड़ा। उपराष्ट्रपति चुनाव में कुल 767 वोट पड़े। इसमें से सीपी राधाकृष्णन के पक्ष में 452 वोट पड़े।
152 के अंतर से जीता चुनाव
उपराष्ट्रपति पद के लिए कुल 767 वोट पड़े। इसमें से 752 वैलिट वोट रहे और 15 वोट अमान्य साबित हुए। चुनाव में एनडीए के पक्ष से सीपी राधाकृष्णन को 452 वोट मिले। वहीं यूपीए के सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले। इस हिसाब से सीपी राधाकृष्णन रेड्डी से 152 वोटों के अंतर से जीत गए।
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13 सांसदों ने किया मतदान से परहेज
संसद के दोनों सदनों में कुल 788 सीटें हैं, लेकिन 7 सीटें अभी खाली हैं। 19 सितंबर को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 781 सांसदों को मतदान करना था। लेकिन 13 सांसदों ने इससे परहेज किया। इसमें बीजेडी के 7, बीआरएस के 4, अकाली दल के 1, निर्दलीय (सरबजीत सिंह खालसा) 1 शामिल हैं। मतलब चुनाव में कुल 98.20 प्रतिशत मतदान हुआ।

केंद्रीय मंत्री के आवास पर पहुंचे सीपी राधाकृष्णन
चुनाव आयोग ने सीपी राधाकृष्णन को विजेता घोषित कर दिया है। इसके बाद सीपी राधाकृष्णन केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी के घर पहुंचे हैं। यहां पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, पीएम मोदी भी जोशी के घर पहुंचेंगे। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, किरन रिजिजू, अर्जुनराम मेघवाल, राम मोहन नायडू, संजय झा भी सीपी राधाकृष्णन को बधाई देने पहुंच गए हैं।
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कई पदों का अनुभव रखते हैं राधाकृष्णन
सीपी राधाकृष्णन का जन्म 4 मई 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर जिले में हुआ था। उनका राजनीतिक सफर आरएसएस से शुरू हुआ था। साल 1974 में भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य बने। इसके बाद साल 1996 में भाजपा तमिलनाडु के सचिव बने। इसके बाद 1998 में कोयंबटूर से पहली बार सांसद बने। कई पदों पर आसीन रहने के बाद राधाकृष्णन 18 फरवरी 2023 को झारखंड के राज्यपाल बने। फिर महाराष्ट्र के राज्यपाल का भी पद संभाला।