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News 24 Special Story: बच्चा गोद लेना होगा अब और आसान, मंत्रालय ने उठाए ये जरूरी कदम

Child Adoption In India: किसी भी महिला के लिए उसका मां बनना पूर्णता का अहसास कराने के साथ-साथ उसके परिवार को भी पूरा करता है। ये अनुभूति बेहद खास होती है, लेकिन भारत देश में बच्चा गोद लेने का प्रक्रिया बेहद जटिल है। हमारे देश में बच्चा गोद लेने के लिए जरूरी नियम और कानून […]

Edited By : Divya Aggarwal | Updated: Aug 19, 2023 15:50
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Child Adoption In India
Child Adoption In India

Child Adoption In India: किसी भी महिला के लिए उसका मां बनना पूर्णता का अहसास कराने के साथ-साथ उसके परिवार को भी पूरा करता है। ये अनुभूति बेहद खास होती है, लेकिन भारत देश में बच्चा गोद लेने का प्रक्रिया बेहद जटिल है। हमारे देश में बच्चा गोद लेने के लिए जरूरी नियम और कानून बनाए गए हैं, जिनके बारे में लोगों को पता होना जरूरी है।

बच्चों की संख्या कम

केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (CARA) के अनुसार, गोद लेने की प्रणाली में कई समस्याएं हैं, लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि बहुत कम बच्चे हैं। आंकड़ों के अनुसार, गोद लेने वाले पूल में यानी एडॉप्शन पूल में केवल 2,188 बच्चे हैं, जबकि 31,000 से ज्यादा माता-पिता बच्चे को गोद लेने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। यही कारण है कि कई परिवार एक बच्चे के अडॉप्शन के लिए तीन साल तक का इंतजार करने के लिए मजबूर हैं।

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राहत के लिए उठाए जरूरी कदम

बच्चों की कमी का सबसे बड़ा फायदा बच्चों की तस्करी करने वालों को मिल रहा है, लेकिन महिला एवं बाल विकास मंत्रालय लगातार इस प्रक्रिया को सुगम बनाने की राह में प्रयास करता रहता है कि कैसे महिला को बच्चा गोद लेने का सुख बेहद सरल तरीके से दिया जाए? इसी कड़ी में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग के साथ वाराणसी में एक सम्मेलन किया, जिसके बाद कुछ जरूरी कदमों पर फैसला लिया गया है।

प्रक्रिया को बनाया गया सरल

दरअसल, सितंबर 2022 में किए गए बदलाव के परिणामस्वरूप उन संभावित गोद लेने वाले माता-पिता द्वारा साझा किए गए अनुभव द्वारा गोद लेने की प्रक्रियाओं को सरल करने पर प्रकाश डाला गया। फलस्वरूप त्वरित समाधान प्राप्त किया गया। किशोर न्याय अधिनियम, नियम और गोद लेने के विनियमों में संशोधनों की बात पर जोर दिया गया। अभी तक JJ Act में संशोधन किया गया है और गोद लेने के लिए डीएम को सशक्त बनाकर गोद लेने की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है।

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वहीं, ICPS योजना को मिशन वात्सल्य योजना में समाहित कर नई योजना शुरू की गई, जिसमें मानदेय और वित्तीय मानदंडों को सुविधाजनक बना दिया गया है। गोद लेने की प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाने के लिए इसे CARINGS पोर्टल से भी जोड़ा गया है। यहां तक कि केरल सरकार ने राज्य में चाइल्ड हेल्पलाइन को ERSS 112 के साथ जोड़ा है, जोकि गोद लेने वाले माता पिता के लिए बेहद सरल है।

यहां आपको बता दें कि महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा किशोर न्याय यानी JJ अधिनियम और नियमों में संशोधन किए गए हैं। वहीं, मिशन वात्सल्य के जरिये भी बच्चे को गोद लेना बेहद आसान हो गया है।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा भारत में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मिशन वात्सल्य शुरू किया गया है। ग्राम स्तरीय बाल कल्याण और संरक्षण समिति उन बच्चों की पहचान करेगी जो कठिन परिस्थितियों में हैं अथवा अनाथ हैं या सड़कों पर रह रहे हैं। इन बच्चों को मिशन वात्सल्य योजना के तहत सुविधा प्रदान की जाएगी। ये सुविधाएं बाल कल्याण समिति यानी CWC की सिफारिशों और प्रायोजन तथा फोस्टर केयर अनुमोदन समिति से अनुमोदन के आधार पर प्रदान की जाएंगी।

 

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Written By

Divya Aggarwal

First published on: Aug 19, 2023 03:49 PM

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