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वक्फ संशोधन विधेयक- 2025 में हो सकती है देरी, सामने आई ये बड़ी वजह

केंद्र सरकार महत्वपूर्ण बिल वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को लाने में देरी कर सकती है। सूत्रों की मानें तो बिहार के सीएम नीतीश कुमार के आग्रह के बाद अब इस विधेयक को ईद के बाद या अगले सत्र में संसद में पेश और पास करवाने की कोशिश की जा सकती है, क्योंकि एनडीए के कुछ सहयोगी अभी इस बिल के पक्ष में नहीं हैं।

Author Written By: Kumar Gaurav Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: Mar 28, 2025 19:34
Wakf Amendment Bill- 2025
सांकेतिक तस्वीर।

रमजान माह का अलविदा जुमे की नमाज के दौरान आज देश में कई जगहों पर मुस्लिम समाज ने वक्फ संशोधन बिल का सांकेतिक विरोध जताया। दरअसल, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने देशभर के मुसलमानों से काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ने जाने को कहा था। AIMPLB ने वक्फ संशोधन बिल 2024 के विरोध में ये अपील की। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के आह्वान पर उत्तर प्रदेश सहारनपुर, संभल, गोरखपुर, अलीगढ़ सहित अन्य जिलों में विरोध स्वरूप हाथों में काली पट्टी बांध कर शांतिपूर्ण नमाज अदा की गई। इस दौरान पुलिस-प्रशासन अलर्ट रहा, जिससे कहीं पर शांति व्यवस्था नहीं बिगड़ी। इसी बीच खबर आई है कि केंद्र सरकार 31 मार्च को ईद बीतने के बाद वक्फ संशोधन विधेयक लाने की तैयारी में है।

ईद के बाद लोकसभा में वक्फ बिल पर हो सकती है चर्चा

सूत्रों के मुताबिक, 1 अप्रैल के बाद वक्फ संशोधन विधेयक को चर्चा और पास कराने के लिए लोकसभा में लाया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने एनडीए के घटकदल जेडीयू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कहने पर ईद तक वक्फ संशोधन विधेयक नहीं लाने की योजना बनाई है।

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अपनी छवि को लेकर चिंतित हैं नीतीश

हाल में ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी का कई महत्वपूर्ण मुस्लिम संगठनों और उलेमाओं ने बायकॉट किया था, उसके बाद नीतीश अपनी छवि को लेकर चिंतित हैं। इफ्तार पार्टी के एक दिन बाद बिहार में वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध में मुस्लिम संगठनों द्वारा आयोजित धरना-प्रदर्शन में नीतीश कुमार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई थी और राजनीतिक बयानबाजी भी हुई थी। दूसरी तरफ देशभर में इस बिल को लेकर विरोध की तैयारी चल रही है। हालांकि, बीजेपी का दावा है कि बिल को मुकम्मल बनाया गया है।

बिहार विधानसभा चुनाव में इस बिल के असर से डरी जेडीयू

जहां तक जेडीयू का सवाल है तो वो शुरुआत से ही सैद्धांतिक तौर वक्फ संशोधन बिल के पक्ष में हैं। जेडीयू ने बार-बार इस बिल के समर्थन में होने का दावा भी किया है। यहां तक कि बिहार में अल्पसंख्यकों द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मिले तमाम सुझावों को भी संशोधित वक्फ बिल में जगह दी गई है, लेकिन इसके बावजूद नीतीश कुमार और उनकी पार्टी को इस बिल का असर अक्टूबर-नवंबर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव पर पड़ने का डर है।

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‘थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है’

इस बिल को लाने में देरी क्यों की जा रही है? इस सवाल को इस बात से समझा जा सकता है कि लोकसभा लेजिस्लेटिव सचिवालय ने बीते मंगलवार को सभी दलों के सांसदों को वक्फ बिल पर जानकारी हासिल करने के लिए अंतिम वर्कशॉप आयोजित करने की घोषणा की थी, लेकिन अंतिम क्षण में इस मीटिंग को कैंसिल कर दिया गया था। सरकार के सूत्रों का कहना है कि फिलहाल वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है। इस बात की भी संभावना है कि ये बिल इस सत्र के बजाय अगले सत्र में लाया जाए। वहीं, विपक्षी दल इस बिल के खिलाफ आर-पार की लड़ाई के मूड में है।

बीजेपी और NDA ने साधी चुप्पी

आधिकारिक तौर पर वक्फ संशोधन विधेयक कब आयेगा और इसमें देरी का कारण क्या है? इसपर बीजेपी, जेडीयू समेत एनडीए के घटक दलों ने चुप्पी साध ली है। केंद्र सरकार वक्फ संशोधन बिल में देरी के पीछे पार्लियामेंट में अन्य विधाई कामों का हवाला दे रही। हालांकि, अंदरखाने से ये बात भी सामने आ रही है कि एनडीए के सहयोगी चंद्रबाबू नायडू ने मुस्लिम समाज को वादा किया है कि वो वक्फ संपत्ति की रक्षा करेंगे।

First published on: Mar 28, 2025 07:24 PM

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