Census in India: देश में जनगणना को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। देश में अगले साल से जनणगना शुरू हो सकती है। जोकि 2026 तक चलेगी। बता दें कि देश में 1891 से हर 10 वर्ष के बाद जनणगना होती आई है। जैसे कि 1991, 2001 और 2011 में हुई। 2011 के बाद 2021 में जनगणना होनी थी लेकिन कोविड महामारी के कारण इसे टालना पड़ा। ऐसे में अगर अगले साल जनणगना होती है तो इसका चक्र भी बदल जाएगा। फिर देश में 2035 और 2045 और 2055 में अगली जनगणना होगी।
जनगणना के बाद देश में लोकसभा सीटों का परिसीमन भी होना है। परिसीमन की प्रकिया 2028 तक पूरी होनी है। जनगणना के दौरान संप्रदाय को लेकर भी सवाल पूछा जा सकता है। कि वे किस संप्रदाय के अनुयायी हैं। देश में कई समाज अपने आप को अलग संप्रदाय का मानते हैं। जैसे कर्नाटक में लिंगायत और अलग-अलग राज्यों में रविदासी, वाल्मीकि जैसे संप्रदाय भी हैं। ऐसे में सरकार इस बार धर्म और वर्ग के अलावा संप्रदाय के आधार पर भी जनगणना करा सकती है।
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जातीय जनगणना पर सरकार ले सकती है फैसला
बता दें कि देश के विपक्षी राजनीतिक दल जातिवार जनगणना की मांग कर रहे हैं। लोकसभा में सरकार के मंत्री इसको लेकर बयान दे चुके हैं। सरकार यह स्पष्ट कर चुकी है कि जातीय जनगणना संविधान सम्मत नहीं होती है। हालांकि सूत्रों के हवाले से खबर है कि सरकार जातीय जनगणना करा सकती है। सरकार चाहती है कि सभी धर्मों में मौजूद जाति व्यवस्था का पता चले और एनडीए के साथियों की मांग का सम्मान हो इसलिए जातीय जनगणना को लेकर भी सरकार कोई फैसला ले सकती है।
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