West Bengal: पश्चिम बंगाल के कथित शिक्षक भर्ती घोटाले में तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी को पूछताछ के लिए सीबीआई ने शुक्रवार को समन जारी किया है। इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भड़क गई हैं। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर भाजपा उनके पार्टी कार्यकर्ताओं और परिवार को परेशान किया जा रहा है। ममता ने कहा कि बीजेपी के हाथ अभी कर्नाटक गया है, देखिएगा आने वाले दिनों में और राज्य भी जाएंगे।
ममता बनर्जी ने कहा कि जब तक बीजेपी को केंद्र से बाहर नहीं किया जाता, तब तक उसके अत्याचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम डरते नहीं हैं।
जांच में सहयोग देने को तैयार अभिषेक बनर्जी
अभिषेक बनर्जी ने शुक्रवार को सीबीआई के समन की कॉपी को ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि मुझे सीबीआई ने समन दिया है। कल 20 मई को पूछताछ के लिए बुलाया है। एक दिन पहले नोटिस नहीं दिए जाने के बावजूद मैं समन का पालन करूंगा। जांच के दौरान मैं अपना पूरा सहयोग दूंगा। जहां तक मेरी यात्रा की बात है, तो वह 22 मई को फिर से बांकुरा में उसी स्थान से शुरू होगी जहां मैं आज रुका हूं। मैं इन घटनाओं से विचलित हुए बिना और अधिक समर्पण, उत्साह और प्रतिबद्धता के साथ पश्चिम बंगाल के लोगों की सेवा करने का प्रयास करूंगा।
I have received a summon from the CBI to appear before them tomorrow, on 20th May'23 for examination.
---विज्ञापन---Despite not being given even a day’s prior notice, I will still abide by the summon.
I will give my full cooperation during the course of the investigation. (1/2) pic.twitter.com/lh7DJY6MQW
— Abhishek Banerjee (@abhishekaitc) May 19, 2023
कल आया आदेश, आज एक्शन में आई सीबीआई
पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में गुरुवार को कलकत्ता हाईकोर्ट की जस्टिस अमृता सिन्हा ने अभिषेक बनर्जी और कुंतल की अर्जी को खारिज कर दिया। साथ ही अदालत का समय बर्बाद करने के आरोप में दोनों पर 25-25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। वकील फिरदौस शमीम ने कहा कि अब जांच प्रक्रिया में कोई बाधा नहीं है। ईडी और सीबीआई पूछताछ कर सकती है।
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बता दें कि अभिषेक बनर्जी टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव हैं। वहीं, कुंतल घोष को पार्टी से बाहर किया जा चुका है। कुंतल घोष ने ही इस घोटाले में अभिषेक बनर्जी का नाम लिया था। बाद में कहा था कि उन पर केंद्रीय एजेंसियों ने नाम लेने के लिए दबाव डाला था।
क्या है शिक्षक भर्ती घोटाला?
2014 में पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती निकाली। उस वक्त पार्थ चटर्जी शिक्षा मंत्री थे। 2016 में भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई। इस मामले में कई गड़बड़ी की शिकायतें आईं तो हाईकोर्ट में मामला पहुंचा। सीबीआई ने 30 सितंबर को पहली चार्जशीट दाखिल की। इसमें पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चाटर्जी समेत 16 लोगों के नाम थे। ईडी ने पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया। पार्थ चटर्जी 23 जुलाई 2022 से जेल में हैं।
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