Cash for Query Case Mahua Moitra : तृणमूल कांग्रेस (TMC) महुआ मोइत्रा कैश फॉर क्वेरी केस में चौतरफा घिरी नजर आ रही हैं। लोकसभा की सदस्यता रद्द होने के बाद महुआ मोइत्रा ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन SC ने तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि पहले मेल करो और फिर जांच करके इस पर गौर करूंगा। आइये महुआ मोइत्रा से जुड़े मामले को लेकर 10 प्वाइंट्स में जानते हैं।
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जानें अबतक महुआ मोइत्रा के साथ क्या क्या हुआ?
- टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगा है। आरोप है कि बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी के कहने पर सांसद अडानी के मुद्दे पर सवाल पूछी थीं।
- महुआ मोइत्रा पर यह भी आरोप लगा है कि दुबई से उनकी लॉगइन आईडी का इस्तेमाल बिजनेसमैन हीरानंदानी करते थे। वे अलग-अलग जगह और अधिकांश दुबई से लॉगाइन करते थे।
- भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष से शिकायत की। उन्होंने पत्र के जरिये अपनी शिकायत दर्ज कराई थी।
- लोकसभा अध्यक्ष ने कैश फॉर क्वेरी मामले पर संज्ञान लिया और आचार समिति को जांच सौंप दी। बीजेपी सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता में आचार समिति ने मामले की जांच की।
- लोकसभा की आचार समिति ने पूछताछ के लिए महुआ मोइत्रा को बुलाया था। इस दौरान उन्होंने खुद ही संसद में सवाल पूछने के पोर्टल से जुड़ी अपनी लॉगइन आईडी और पासवर्ड शेयर करने की बात कबूल की है।
- आचार समिति ने लोकसभा में अपनी रिपोर्ट पेश की। फिर संसद में उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द करने का प्रस्ताव पेश किया गया।
- इसके बाद लोकसभा में 8 दिसंबर को चर्चा के बाद समिति की रिपोर्ट पर वोटिंग हुई। आचार समिति की रिपोर्ट के पक्ष में वोट पड़ने के बाद महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया।
- संसद की सदस्यता जाने के बाद महुआ मोइत्रा ने कहा कि मैंने पहले भी अडानी मुद्दे पर सवाल किया और आगे भी करूंगी। सवाल के बदले पैसे लेने का कोई सबूत नहीं मिला है। सिर्फ पोर्टल लॉगिन शेयर करने पर उनकी लोकसभा सदस्यता चली है।
- महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द होने के मामले में विपक्षी पार्टियों ने भी ऐतराज जताया है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा और कहा कि इस मामले में सदन में बहस के लिए 3-4 दिनों का समय दिया जाना चाहिए।
- इस मामले में महुआ मोइत्रा सुप्रीम कोर्ट पहुंची और याचिका दाखिल की। हालांकि, SC ने महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता निरस्त करने के मामले में तुरंत सुनवाई से मना कर दिया है।
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