Cartoonist Hemant Malviya News: प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को लेकर विवादित कार्टून बनाने वाले इंदौर के कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय माफी मांगेंगे। सुप्रीम कोर्ट का निर्देश सुनने के बाद हेमंत ने कहा कि वे फेसबुक, इंस्टाग्राम समेत सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर माफी मांगेंगे। वहीं हेमंत के वकील ने उनका पक्ष रखते हुए सुप्रीम कोर्ट केा बताया कि कार्टून साल 2021 में बना था, जिसे अब सोशल मीडिया से हटा दिया गया है। बता दें कि हेमंत मालवीय द्वारा बनाए गए कार्टून के कारण उनके खिलाफ FIR हुई है।
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हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने उन्हें अग्रिम जमानत देने से मना कर दिया था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और पिछली सुनवाई में जस्टिस सुधांशु धूलिया और अरविंद कुमार की बेंच ने हेमंत मालवीय के कार्टून पर आपत्ति जाहिर करते हुए कहा था कि यह भड़काऊ है और उनकी नासमझी का सबूत है। 19 अगस्त 2025 को सुनवाई के बाद जस्टिस अरविंद कुमार और एनवी अंजारिया की बेंच ने उन्हें राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी। साथ ही उन्हें विवादित कार्टून के लिए माफी मांगने और माफीनामा प्रकाशित करने का निर्देश दिया।
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हेमंत मालवीय ने क्या कार्टून बनाया था?
बता दें कि मशहूर कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और प्रधानमंत्री मोदी को अपमानजनक तरीके से चित्रित करते हुए कार्टून बनाया था। कार्टून में RSS की यूनिफॉर्म पहने शख्स को प्रधानमंत्री मोदी के सामने झुका दिखाया था। RSS यूनिफॉर्म पहने शख्स के शॉर्ट्स नीचे खींचे हुए थे। प्रधानमंत्री मोदी को गले में स्टेथोस्कोप पहने और हाथ में इंजेक्शन लिए चित्रित किया था। साल 2021 में कोरोना काल में बने इस कार्टून पर आपत्ति जाहिर करते हुए RSS कार्यकर्ता और वकील विनय जोशी ने इंदौर के लसूड़िया पुलिस थाने में केस दर्ज कराया।
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इन धाराओं के तहत दर्ज हुई थी FIR
पुलिस को दी गई शिकायत में हेमंत मालवीय पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने RSS का कार्टून बनाकर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। BJP वर्कर्स की भावनाओं को आहत किया है। पुलिस ने शिकायत पर एक्शन लेकर हेमत मालवीय के खिलाफ वैमनस्य को बढ़ावा देने के लिए भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 196, धार्मिक विश्वासों का अपमान करने के लिए धारा 299, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए धारा 302, शांति भंग कराने के लिए धारा 352, धारा 353 (शरारत) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67A के तहत FIR दर्ज की।
हेमंत मालवीय ने गिरफ्तारी से बचने के लिए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत मांगी, लेकिन 3 जुलाई 2025 को जस्टिस सुभाष अभ्यंकर की बेंच ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।