Captain Anshuman Singh Wife Smriti Alleged: देश के लिए बलिदान होकर कीर्ति चक्र से सम्मानित होने वाले कैप्टन अंशुमन सिंह आजकल काफी सुर्खियों में हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से बलिदानी पति को मिला कीर्ति चक्र ग्रहण करने वाली कैप्टन अंशुमन की पत्नी स्मृति भी काफी चर्चा में हैं। पहले अवार्ड लेकर चर्चा में आईं और अब आरोप लगने से सुर्खियों में हैं।
राष्ट्रपति से बलिदानी पति के लिए कीर्ति चक्र अवार्ड लेने के बाद स्मृति ने अंशुमन के साथ अपनी प्रेम कहानी पूरे देश को सुनाई। इस दौरान वह काफी भावुक हुईं। अंशुमन और स्मृति की प्रेम कहानी पूरे देश में ट्रेंड हो गई। अब स्मृति अपने सास-ससुर के आरोपों के कारण चर्चा में हैं। उन्होंने स्मृति पर उन्हें छोड़कर जाने का आरोप लगाया है। कैप्टन अंशुमन के मां-बाप का कहना है कि स्मृति उनके बेटे को मिला कीर्ति चक्र, मुआवजे और बीमा के पैसे, बेटे के सभी डॉक्यूमेंट लेकर अपने मायके चली गई है।
Saluting captain Anshuman Singh and his veer NARI 🫡 pic.twitter.com/IuGBKHmLpp
---विज्ञापन---— SANATAN (@Eternaldharma_) July 8, 2024
अंशुमन के अंतिम संस्कार के बाद चली गई थी मायके
कैप्टन अंशुमन के पिता रवि प्रताप सिंह ने एक मीडिया संस्थान को दिए इंटरव्यू में बताया कि उनकी बहू स्मृति अपने बलिदानी पति के मां-बाप, उसके परिवार और अपने ससुराल को छोड़कर मायके चली गई है, लेकिन उसने ऐसा क्यों किया? इस बारे में वे कुछ नहीं जानते। स्मृति ने इस बारे में न बताना और न ही कोई सलाह लेना जरूरी समझा। अंशुमन का अंतिम संस्कार होने के बाद स्मृति मायके चली गई थी और आज तक वह लौट कर नहीं आई।
बुलाने पर कहती है कि अभी समय चाहिए। अंशुमन के जाने का गम भुला नहीं पाई है। मायके जाने के बाद उसने स्कूल में पढ़ाना शुरू कर दिया। वह सास-ससुर से ज्यादा मां-बाप की सुनती है। उन्होंने जैसा कहा, वैसा कर लिया। उसने एक बार भी सास-ससुर के बारे में नहीं सोचा, जिन्होंने अपना बेटा खो दिया। उसकी कोई निशानी भी नहीं है और अब बहू भी छोड़ गई। साथ में परिवार की इज्जत पर दाग भी लगा गई, पता नहीं ऐसा क्या हो गया था?
“It was love at first sight,” recalled Smriti Singh – the wife of late Captain Anshuman Singh who was awarded Kirti Chakra posthumously for the ultimate sacrifice in saving the life of his fellow army men from a fire at Siachen. Om Shanti Captain Anshuman Singh ❤️🙏 pic.twitter.com/XO8ppm0KeV
— Sumit (@SumitHansd) July 7, 2024
मुआवजा, इंश्योरेंस, पेंशन, पुरस्कार राशि सब ले गई
कैप्टन अंशुमन के पिता रवि ने कहा कि स्मृति सास-ससुर के साथ सिर्फ 5 महीने रही, अंशुमन के जाते ही वह भी चली गई। उसके बाद आज तक उससे बात नहीं हो पाई। जब भी फोन करते हैं, उसके मां-बाप बात करते हैं। 26 जनवरी 2024 को जब अंशुमन को कीर्ति चक्र देने की घोषणा हुई तब स्मृति ने बात हुई और उसे पूजा में शामिल होने के लिए बुलाया, लेकिन वह नहीं आई। वह अपना सारा सामान ससुराल घर से ले गई है।
अंशुमन के बलिदान होने के बाद सरकार से मिला पैसा भी वह साथ ले गई। उत्तर प्रदेश सरकार ने 50 लाख देने की घोषणा की थी। आर्मी से इंश्योरेंस का पैसा मिला। पुरस्कार राशि मिली, पेंशन भी मिलेगी। कीर्ति चक्र की पेंशन अलग से मिलेगी। सब कुछ स्मृति के पास, हमसे तो सब कुछ छिन गया। स्मृति सास-ससुर को अपना नहीं समझती, इसलिए उसने यह भी नहीं सोचा कि बुजुर्ग सास-ससुर कैसे जिएंगे?
The parents of Captain Anshuman Singh have a valid reason to demand changes in Next of Kin (NOK) rule.
The marriage of Captain Anshuman Singh and Smriti Singh was only 5 months old and they had children. The wife has left the parents of Captain Anshuman Singh and I don’t blame… pic.twitter.com/u57mGdp8th
— Incognito (@Incognito_qfs) July 11, 2024